अस्पताल के सामने बस स्टैंड का विरोध, आर्वी नाका परिसर के नागरिकों में रोष

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वर्धा. आर्वी नाका परिसर में बस स्टैंड की मांग निरंतर की जा रही थी़ हाल ही में निधि उपलब्ध होने से वर्क ऑर्डर भी निकाला है़ किंतु, जहां बस स्टैंड का अनेक वर्ष से बोर्ड लगा हुआ है, वह जगह छोड़कर परिसर स्थित अस्पताल के सामने ही अभियंता द्वारा जगह निश्चित की गई़ भविष्य में मरीजों को लाने-ले जाने में समस्या होगी. जिससे बस स्टैंड की जगह को विरोध हो रहा है.

आर्वी नाका चौक के विस्तारीकरण में पुराना बस स्टैंड हटाया गया़ चौराहे पर बस रुकने से यातायात ठप हो जाती थी़ जिसके कारण चौक से दूर मार्ग पर बस स्थानक का बोर्ड लगाया है़ जहां से प्रतिदिन नागरिक बस की राह में खड़े रहते है़ं जिसमें स्कूल एवं कालेज के विद्यार्थियों के साथ ही महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है़ बस स्टैंड का शेड नहीं होने से यात्रियों को धूप एवं बारिश से बचने के लिए परिसर के दूकानों का आसरा लेना पड़ता है़ जिसका संज्ञान लेकर जनप्रतिनिधियों ने प्रयास करने से बस स्टैंड बनाने के लिए 10 लाख की निधि उपलब्ध कराई गई है. पुराने बस स्टैंड का बोर्ड छोड़कर अस्पताल के सामने ही जगह निश्चित करने से विरोध हो रहा है.

सायलेंट जोन संबंधित नियम की अनदेखी

नगर परिषद में 6 दिसंबर 2021 में हुई सर्वसाधारण सभा के दौरान शहर के अस्पताल, बैंक, सरकारी कार्यालय के समक्ष फेरीवाले क्षेत्र प्रतिबंध करने के संबंधित प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था़ उक्त परिसर साइलेंट जोन घोषित कर नप की ओर से बोर्ड भी लगाए गए थे़ आर्वी नाका चौक पर भी वैसा बोर्ड नप ने लगाया था़  किंतु, कुछ महीने पूर्व हुई दुर्घटना में बोर्ड क्षतिग्रस्त होने से निकाल दिया गया़  नगर परिषद का निर्माणकार्य विभाग ही बस स्टैंड बना रहा है़ ऐसे में अस्पताल के सामने ही जगह निश्चित करने से नप में बनाए गए नियम की ही धज्जियां उड़ रही है.

फेरीवालों से अवैध वसूली

उक्त परिसर में कुछ लोग अपने प्लाट के सामने स्वयं फेरीवालों को जगह देकर उनसे अवैध रूप से रकम वसूली करने का भी आरोप हो रहा है़ इसी के चलते कुछ लोगों ने अस्पताल के सामने ही बस स्टैंड बनाने से संबंधित लॉबिंग नप में करने की चर्चा है़ किंतु, अगर अस्पताल के सामने बस स्टैंड बनता है, तो मरीजों को एम्बुलेन्स से लाना कठीन हो जाएगा़ एसटी स्टैंड बनने से आसपास में फेरीवाले बढ़ने की भी संभावना है़  नप प्रशासन ने जहां बोर्ड है, वहीं पर बस स्टैंड बनाने की मांग की जा रही है.