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    देवली (सं). पिछले कुछ दिनों से बारिश थमने के बाद किसानों ने रबी सीजन में बुआई पूर्व जुताई शुरू कर दी है. वहीं कुछ जगहों पर बुआई भी शुरू हो गई है. लगातार बढ़ रही ईंधन की कीमतों ने रबी सीजन की तैयारियों को महंगा कर दिया है. इससे इस साल खेती की लागत बढ़ने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छूने लगी है, जिससे बाजार में हर माल के दाम बढ़ते जा रहे हैं, जिससे आमजनों की आर्थिक कमर टूट गई है. बाजार में प्रत्येक वस्तु की कीमत पूरी तरह से ईंधन पर निर्भर करती है. 

    मजदूरी से सहित अन्य खर्च बढ़े 

    बुआई पूर्व जुताई से लेकर कटाई और फिर माल को बाजारों में बेचने तक पेट्रोल-डीजल की आवश्यकता के कारण खेती की लागत बढ़ गई है, लेकिन उत्पादन में दिन-ब-दिन गिरावट आ रही है. आधुनिक खेती के आधुनिक संकट आधुनिक युग ने कृषि में भी बड़े परिवर्तन हुए हैं. प्रारंभिक दिनों में जैसे जानवरों के माध्यम से पारंपरिक तरीके से खेती की जाती थी. जिससे सभी कृषि कार्य बहुत कम लागत पर किए जाते थे. लेकिन आधुनिक युग में कृषि में भी बड़े बदलाव आए हैं. 

    जरूरी सामग्री के दाम में भारी वृध्दि 

    बैलगाड़ियों की जगह ट्रैक्टरों ने ले ली है और लगभग सभी उपकरण पेट्रोल और डीजल पर निर्भर है. जुताई का उपकरण, छिड़काव उपकरण आदि से काम गतिमान होने लगा, लेकिन लागत बढ़ने लगी. आय घटने और लागत बढ़ने ही किसान आत्महत्याएं बढ़ रही हैं. वर्तमान में पेट्रोल, डीजल दर वृद्धि ने भी रबी सीजन में बुआई पूर्व खेतों की तैयारी अधिक महंगी हो गई है, जिससे किसानों को आधुनिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है.