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  • आसमान की ओर ताक रहा किसान, भगवान से लगा रहा गुहार

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वर्धा.  इस बार मानसून की शुरूआत में अच्छी बारिश होने से जिले के कुल बुआई क्षेत्र में से 55 फीसदी क्षेत्र में किसानों ने बुआई कार्य पूर्ण कर दिया है़ इसमें सोयाबीन, कपास एवं तुअर फसल का समावेश है़ कुछ क्षेत्र में बारिश होने से फसल की स्थिति अच्छी है़ वहीं कुछ जगह किसानों को सिंचाई से फसल को पानी देने की नौबत आन पड़ी है़ जिनके पास सिंचाई की सुविधा नहीं है, ऐसे किसान बैलगाड़ी से खेत में पानी ले जाकर फसल को पानी देते दिखाई दे रहे है़ं दुबारा बुआई का संकट निर्माण होने से किसानों की फसल बचाने के लिए जद्दोहद जारी है़ फसलें मुरझाने के कारण किसान भगवान से बादलों को बरसने की गुहार लगा रहे है.

अनेक किसानों के सामने दुबारा बुआई का संकट 

इस वर्ष जिले में 4 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बुआई का नियोजन किया गया है़ वर्धा, हिंगनघाट, सेलू, आर्वी, समुद्रपुर, देवली, कारंजा घाड़गे, आष्टी शहीद तहसील में अब तक 55 फीसदी बुआई कार्य पूर्ण हो गया है़ इसमें से 75 फीसदी कपास, सोयाबीन 20 फीसदी तथा 5 फीसदी तुअर फसल का समावेश है़ इस वर्ष मानसून जल्द आएगा तथा ज्यादा बारिश होने का अनुमान मौसम विभाग ने जताया था. मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार 1 जून से ही बारिश शुरू हुई़  इसके बाद बारिश ने धोखा देने से कई किसानों के सामने दुबारा बुआई का संकट निर्माण हो गया है.

Crop Loss

फसल बचाने किसानों की जद्दोहद हो गई शुरू

बारिश नदारद होने से किसानों के सामने दुबारा बुआई का संकट निर्माण गया है़ वहीं बीज काफी महंगे हो गए है़ ऐसे में दुबारा बुआई करना किसानों के लिए संभव नहीं होगा़ इससे बचने के लिए किसानों की फसल बचाने की जद्दोहद शुरू हो गई है़ ऐसे में देवली तहसील के कोल्हापुर (श्रृंगारवाड़ी) के युवा किसान आशीष जुमडे के खेत सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से उन्होंने बैलगाड़ी से पानी लाकर बकेट से पौधों को पानी दिया गया.

फसलों को अच्छी जोरदार बरसात का इंतजार  

पिछले 24 घंटे में औसतन 5.58 मिमी बारिश दर्ज की गई़  इसमें वर्धा में 0.02 मिमी, सेलू में 1 मिमी, देवली में 6.23 मिमी, हिंगनघाट में 12.50 मिमी, समुद्रपुर में 23.35 मिमी, आर्वी में 0.86 मिमी, कारंजा घाड़गे में 0.70 मिमी समावेश है़  रविवार की दोपहर जिले के कुछ जगहों पर बारिश हुई. वहीं कुछ जगह पर नहीं हुई. फसल के लिए अभी भी जोरदार बारिश की प्रतीक्षा किसानों को है.