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वर्धा. वर्ष 2025 तक टीबी रोग पर पूर्णत: मात देने का सरकार का लक्ष्य है़ इसके लिए सभी निजी अस्पताल व चिकित्सा संस्थाओं को टीबी मरीजों का रिकार्ड रखना बंधनकारक है़ पंजियन न रखने पर आयपीसी के तहत टीबी रोग का प्रसार करने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी़ जिले के सभी पैथ लैब, असपताल, डॉक्टर व टीबी संबंधित दवाई बिक्रेताओं को राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग में पंजियन करना बंधनकारक है़ जिस टीबी मरीज पर ईलाज हुआ है़ उनका भी रिकार्ड रखना अनिवार्य है़ राष्ट्रीय टीबी दुरीकरण कार्यक्रम अंतर्गत 31 मार्च तक टीबी को समाप्त करने अभियान चलाया जा रहा है.

इस कार्यक्रम अंतर्गत टीबी रोग पर मात करने विभिन्न स्तर पर काय्रक्रमों का आयोजन किया जा रहा है़ राज्यस्तर पर टीम ने निजी क्षेत्र में भेंट देकर सूचनाएं जारी की है़ टीबी दुरीकरण कार्यक्रम अंतर्गत विभिन्न क्षेत्र में जाकर जनजागृति की जा रही है.

जादा समय तक खाँसी, बुखार, वजन में गिरावट, सिने में दर्द आदि लक्षणों की जांच की जानेवाली है़ सरकारी अस्पताल में ऐसे मरीजों पर नि:शुल्क ईलाज किया जाएगा़ टीबीरोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत नियमित दवाई दी जाएगी.

सरकारी रिकार्ड में जिसका पंजियन होगा़ टीबी मरीजों को पोषण आहार प्रदान करने स्थानीय संस्था, व्यवसायिक संस्था व समाजकार्यकर्ताओं से मदद ली जा रही है़ जिले में अक्षय मित्र की मदद लेकर टीबी पर 2025 तक पूर्णत: मात करने का लक्ष्य निर्धारीत किया है, ऐसी जानकारी जिला टीबीरोग अधिकारी ने दी.