Crime

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    वर्धा. साहूकार शैलेश येलणे मामले में प्रतिदिन एक नई जानकारी सामने आ रही है. बीते कुछ वर्ष से येलणे के साहूकारी कारोबार को राजाश्रय मिलने के कारण उसकी आक्रामकता बढ़ गई थी. जिसका नतीजा यह रहा कि शैलेश ने ब्याज की राशि वसूलने के लिये शंभू सोनगडे को कार से रौंदा दिया. गांधी जिले को शर्मसार करनेवाली करतूत करने के बावजूद भी पुलिस इस मामले लीपापोती का काम कर रही है. शैलेश  येलणे  फिलहाल पुलिस कस्टडी में है. परंतु पुलिस उसके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने की जानकारी है.

    मृतक की पत्नी जयमाला ने पति की हत्या में तीन व्यक्तियों का समावेश होने की जानकारी देने के उपरांत भी अबतक अन्य दो आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं. पुलिस ने शैलेश के साहूकारी के जाल पर ध्यान  केंद्रित  करने की जरूरत है. सूत्रों ने बताया कि शैलेश ने बीते कुछ वर्षों में ब्याज के नाम पर अनाप-शनाप राशि वसूली कर अनेक व्यक्तियों की प्रापर्टी अपने नाम पर की है तो कुछ प्रापर्टी उसने राशि वसूलने के लिये जबरन बेची है.

    शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं

    पीड़ितों ने शिकायत करने के बाद भी राजनेताओं से घनिष्ठ संबंध होने के चलते शैलेश पर कार्रवाई नहीं हुई. आरोपी  येलणे  ने  पिपरी सर्कल में अपनी अच्छी पैठ जमा ली थी. जिला  परिषद  व  ग्रापं  के  चुनाव  भी वह लड़ चुका है. परिणामवश उसके जिले  के  राजनीतिक  दल  के  नेताओं  से  अच्छे  संबंध स्थापित हुए थे. इसी कारण उसके धोखाधड़ी व अन्य मामले में पुलिस की मेहरबानी उस पर रही. 

    दबोचा था पुलिस ने

    शंभू सोनगडे हत्या में मामले शैलेश पुलिस के हाथ लगा, परंतु उसे बचाने के लिये पुलिस पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा, ऐसी जानकारी है. मृतक की पत्नी ने भी पुलिस से निष्पक्ष जांच करने की मांग की है. शैलेश येलणे की गंभीरता से पुलिस ने जांच की तो अवैध साहूकारी का बड़ा जाल पुलिस के हाथ लग सकता है.