वर्धा. 28 अक्टूबर से शुरू हुई एसटी की हड़ताल को 53 दिन पूर्ण हो चुके है़ं बावजूद इसके एसटी कर्मचारी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे़ इससे निजी वाहनधारकों की चांदी हो रही है़ दूसरी ओर यात्रियों के हाल-बेहाल हो रहे है़ं एसटी की हड़ताल पर शीघ्र हल निकालने की मांग आम यात्रियों द्वारा की जा रही है़ रापनि का राज्य सरकार में विलीनकरण की मुख्य मांग के लिए एसटी कर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी है़ राज्य में अब तक के इतिहास में एसटी की यह सबसे लंबी हड़ताल मानी जा रही है.
सरकार ने कर्मियों की वेतनवृध्दि की मांग को मान लिया है़ साथ ही उन्हें काम पर लौटने का आह्वान किया गया़ परंतु कर्मचारी अपनी मुख्य मांग पर अड़े है़ं परिणामवश सरकार ने कर्मियों के निलंबन का सिलसिला शुरू कर दिया़ जिले में अब तक 263 कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है़ इनमें से अब तक केवल 5 लोग ही काम पर लौटे है़.
हड़तालियों को 2 माह से वेतन नहीं
-हड़ताल पर गए कर्मियों को दो माह से वेतन भी नहीं दिया गया़ इससे उनके परिवार पर आर्थिक संकट में आ गया है़
-करीब 61 रोजंदारी कर्मियों को सेवासमाप्ति के नोटिस भी जारी किये गए़
-आर्वी डिपो के एक कर्मी ने आर्थिक तंगी के चलते आत्मदाह की भी कोशिश की़ वह बुरी तरह से झुलस गया़ सेवाग्राम के अस्पताल में इलाज शुरू है़
-बस बंद होने से ग्रामीण क्षेत्र के यात्री व विद्यार्थियों को हो रही परेशानी.