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    कारंजा-घाड़गे (सं). हाल ही में स्कूल और कालेज शुरू किए गए है़ं ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी शहरीस्तर पर पढ़ाई के लिए आना जाना कर रहे है़ं वहीं नियमित रूप से एसटी बस सेवा उपलब्ध न होने से छात्रों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है़  काटोल डिपो की बसें समयसारिणी के अनुसार नहीं चलती़  परिणामवश शनिवार को गुस्साए विद्यार्थियों ने एसटी बस को करीब चार घंटे तक रोककर रखा. इससे बस स्टैंड परिसर में खलबली मच गई थी.

    सरकारी गाइडलाइन के अनुसार जिला व तहसीलस्तर पर स्कूल, कालेज आरंभ हो गए है़ं  पिछले दो वर्ष से कोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा था़  मात्र अक्टूबर से नियमित विद्यालय व महाविद्यालय शुरू होने से शालेय विद्यार्थियों की भीड़ बस स्टैंड पर बढ़ती जा रही है़  तहसील के वाघोड़ा, तरोडा, काकडा, परसोडी, लोहारी, सावंगा, भारसिंगी के विद्यार्थी प्रतिदिन कारंजा में पढ़ने के लिए आते है़  परंतु इस मार्ग पर चलने वाली काटोल डिपो की बसें समयसारणी के अनुसार नहीं चलती. 

    समय पर नियमित बसें चलाने की मांग 

    बस नियमित उपलब्ध न होने के कारण विद्यार्थियों को घंटों तक बस की राहत ताकते रहना पड़ता है़  कहीं बार विद्यार्थी स्कूल, कालेज में भी नहीं पहुंच पाते़  विद्यार्थियों को रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए कारंजा तहसील के शिवसैनिक संदीप भिसे व धनराज बैगने ने विद्यार्थियों को साथ लेकर आंदोलन छेड़ दिया़  शनिवार की सुबह 10.30 बजे काटोल डिपो की सभी बसे कारंजा बस स्टैंड पर दोपहर 2 बजे तक रोककर रखी गई. आंदोलन से बस स्टैंड परिसर में खलबली मच गई थी. 

    तलेगांव के डिपो मैनेजर पहुंचे कारंजा

    छात्रों के आंदोलन की दखल लेते हुए काटोल के डिपो प्रबंधक ने तलेगांव डिपो प्रबंधक के साथ संपर्क कर उन्हें कारंजा में भेजा़  डिपो मैनेजर ने विद्यार्थी तथा शिवसेना पदाधिकारियों से चर्चा कर सोमवार से सभी बसें समयसारणी के अनुसार पूर्ववत शुरू किए जाने का आश्वासन दिया़  इसके बाद विद्यार्थियों ने आंदोलन वापस लेकर दोपहर 3 बजे काटोल डिपो की बसें रवाना होने दी. सोमवार से बस सेवा पूर्ववत शुरू नहीं की गई तो आगामी आंदोलन अधिक तीव्र किए जाने की चेतावनी दी गई.