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  • निजी वाहनों में सफर करना बनी मजबूरी

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सिंदी-रेलवे (सं). 28 अक्टूबर से एसटी कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू की है़ जिससे 14 दिनों से एसटी के पहिए थमे है़ं रेलवे बंद से जनता के सामने रोड यातायात एकमात्र विकल्प था़ किंतु, ऐन त्यौहार के सीजन में एसटी बंद रहने से नागरिकों को परेशानी से गुजरना पड़ रहा है़ नागरिक त्यौहार मनाने अपने गांव नहीं पहुंच पाए है़ं साथ ही ग्रामीणों के विभिन्न कार्य प्रभावित हुए है़ं एसटी बंद रहने से नागरिकों को निजी ट्रैवल्स, ऑटो जीप या फिर टू विलर से मजबूरी में अवागमन करना पड़ रहा है़.

निजी यातायात के चलते यात्रियों की जेब ढीली हो रही है़ नगर में आने के लिए रेलवे बंद होने से शेड यातायात के लिए सभी रास्ते डेंजर जोन में है़ं सेलडोह से सिंदी अनेक के लिए 8 किमी कांढली से 9 किमी अंदर जाना पड़ता है़ जिससे एसटी उपलब्ध न होने से दो चरणों में यात्रा करनी पड़ती़ जो बेहद खर्चीली तथा समयावधि अधिक लगने से निजी वाहनों से एसटी सुविधाजनक होती है़.

वर्धा से सिंदी के लिए 4 फेरियां चलाई जाती है़ं जो इस हड़ताल की भेंट चढ़ने से सिंदी-वर्धा-सिंदी, वर्धा-सिंदी-बेला टाइमिंग से ग्रामीण अंचल को जोड़नेवाला एसटी उत्तम संसाधन की कमी महसूस की जा रही है़ एसटी बंद से परेशान जन-जन एसटी प्रशासन को पूर्ववत बस सेवा शुरू करने की मांग की जा रही है़ फिलहाल जनता निजी वाहनों पर निर्भर बनी है़ अपनी मोटरसाइकिल से परिवार के साथ यात्रा करने पर मजबूर है़ं.

नागपुर बस सेवा 3 वर्ष से बंद 

व्यापारी, नौकरीपेक्षा तथा नगरवासियों का नागपुर बुटीबोरी आनाजाना लगा रहता है़  3-4 वर्ष पूर्व एसटी की दो फेरियां चलाई जाती थी़ं  लेकिन रास्तों की शिकायत के नाम पर यह फेरियां बंद करने से शहरवासी परेशान है़ं  एसटी विभाग से पत्राचार के बावजूद आजतक नागपुर-सिंदी बससेवा शुरू नहीं की गई़  जबकि विगत 20  माह से रेलवे बंद होने से एसटी विभाग इस का लाभ उठाकर अच्छा खासा व्यापार कर सकती थी़  लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के कारण नागपुर-सिंदी बससेवा बंद है़  इसे तुरंत शुरू करने के लिए सभी संगठन एकजुट होकर जनप्रतिनिधियों के माध्यम से इन्हें प्रारंभ कराने के प्रयास में जुटे है़.