812 पूर्व विधायकों की पेंशन करें बंद, CM, वित्त मंत्री से प्रा. राठी ने की मांग

    Loading

    वर्धा. राज्य के 812 पूर्व विधायकों की पेंशन बंद करने के साथ ही विधायक निधि में 50 प्रश कटौती करने की मांग सामाजिक कार्यकर्ता प्रा. विजय राठी ने मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री को भेजे ज्ञापन में की है. ज्ञापन में बताया गया कि राज्य में विधानसभा की सदस्य संख्या 288 तथा विधान परिषद की सदस्य संख्या 78 है. राज्य सरकार की ओर से समस्त विधायकों को बेहतरिन वेतन तथा उच्च श्रेणी की सुविधाएं प्रदान की जाती है. अधिकांश विधायक आर्थिक दृष्टि से संपन्न है. असल में देखा जाए तो विधायक जनता के प्रतिनिधि है, लेकिन वास्तविकता यह है कि वह जनता के सेवक है.

    प्रधानमंत्री स्वयं को जनता का सेवक कहते है. राज्य में पूर्व विधायकों की संख्या 688 तथा विधान परिषद के पूर्व सदस्यों की संख्या 144 है. इन पूर्व विधायकों की अधिकतम पेंशन 1 लाख 10 हजार तथा न्यूनतम पेंशन 50 हजार है. चूंकि विधायक सरकार का एक हिस्सा होने की वजह से सरकार पर दबाव बनाकर पूर्व विधायकों ने आजीवन परिवार पेंशन की भी सुविधा प्राप्त कर ली है. इन पूर्व विधायकों की पेंशन का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ता है. 

    विधायक निधि में 50 प्रश कटौती करें 

    812 पूर्व विधायकों की पेंशन तथा 503 दिवंगत विधायकों के परिजनों को परिवार पेंशन सरकार व्दारा मुहैया कराई जाने पर सवालिया निशान उठाया है. राज्य सरकार ने वर्तमान विधायकों की विकास निधि की राशि बढ़ाकर चार करोड़ कर दी है. दोनों सदनों  की कुल विधायक संख्या 366 है. इन विधायकों की विकास निधि का सालाना बोझ राज्य सरकार के खजाने पर 1464 करोड़ रुपये होता है.  इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री तथा वित्तमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में मांग की है कि राज्य को आर्थिक संकट तथा प्राकृतिक आपदाएं एवं कोरोना महामारी जैसे संकटों का मुकाबला करने के लिए अनुत्पादक व्यय में कटौती करनी होगी. 

    नागरिकों की जरूरतों पर प्राथमिकता से दें ध्यान 

    सरकार की प्राथमिकता लोगों की जान बचाना तथा किसान, मजदूर, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूर, सूक्ष्म लघु तथा मध्यम उद्योजक, वरिष्ठ नागरिक, कर्मचारी तथा पेंशनभोगियों को विशेष आर्थिक पैकेज व्दारा सहायता प्रदान करना होनी चाहिए. इसके चलते राज्य सरकार को अनावश्यक खर्चे में कटौती करनी होगी और कड़े आर्थिक बदलाव की ओर कदम बढ़ाना होगा. राज्य सरकार को सुझाव दिया कि राज्य में सात शिक्षक विधायक होते है और वह निवृत्त होने पर पूर्व विधायक तथा पूर्व शिक्षक ऐसे दोनों का पेंशन लाभ गत कई वर्षों से प्राप्त हो रहा है. अत: सरकार ने केवल एक ही पेंशन की सुविधा प्रदान करनी चाहिए. राज्य सरकार व्दारा एक मात्र पेंशन का कानून बनाना चाहिए.