हड़ताल व मोर्चाओं के नाम रहा सोमवार, जिप व कलेक्ट्रेट के समक्ष दिया धरना

  • दिनभर प्रभावित रहा सरकारी कामकाज

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वर्धा. केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर 28 व 29 मार्च को हड़ताल का निर्णय लिया गया है. परिणामवश सोमवार को जिले में सभी सरकारी, निमसरकारी, नौकरदार संगठनों ने मोर्चा, धरना आंदोलन करते हुए हड़ताल में हिस्सा लिया़  दिनभर जिलाधिकारी कार्यालय व जिला परिषद के समक्ष धरना आंदोलन शुरू रहा़ वहीं सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी न होने से कुर्सियां खाली पड़ी थी, जिससे प्रशासनिक कामकाज दिनभर प्रभावित रहा. 

श्रमिक विरोधी कानून रद्द किया जाये 

देश के 11 श्रमिक संगठन व 13 कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर दो दिवसीय हड़ताल सफल बनाने के लिए जिले की विभिन्न संगठन एकत्रित आए. केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए कामगार विरोधी चार श्रम संहिता कानून रद्द करें. देश को आत्मनिर्भर बनाने वाले रेलवे, बीमा, बैंक, डिफेंस, कोल, पेट्रोलियम, टेलीफोन, स्वास्थ्य व शिक्षा आदि सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण रोका जाए़  योजना कामगारों को न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा लागू करें. सभी कर्मियों को पुरानी पेन्शन योजना लागू करें. एनएचएम ठेका कर्मियों को सेवा में स्थायी किया जाए़  आंगनवाड़ीसेविका, सहायिका, आशा, गुटप्रवर्तक, शालेय पोषाहार कर्मचारी, अंशकालीन स्त्री परिचर, उमेद वर्धिनी, ठेका स्वास्थ्य सेविका आदि को कर्मचारी का दर्जा देकर न्यूनतम वेतन लागू करें. योजना कामगारों को प्रतिमाह 10 हजार रु़  पेंशन दी जाए़  सरकारी स्वास्थ्य विभाग मजबूत करने सभी रिक्त पद भरे जाए़.  

केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ उमड़ा गुस्सा 

स्वास्थ्य विभाग का बजट बढ़ाएं. इलेक्ट्रिसिटी (बिजली) बिल 2021 कानून रद्द करें. इसेन्शियल डिफेन्स सर्विसेस एक्ट यह कामगार विरोधी व लोकतंत्र विरोधी कानून पीछे ले़ं  बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण लगाए़ं  पेट्रोल, डीजल, गैस व जीवनावश्यक वस्तुओं का मूल्य न बढ़ाए़ं  आदि विभिन्न मांगों के लिए जिप के समक्ष आयटक की अगुवाई में धरना दिया गया़  राज्य उपाध्यक्ष दिलीप उटाणे, वंदना कोलणकर, सीटू के राज्य उपाध्यक्ष यशवंत  झाड़े, भैय्या देशकर, कामगार संगठन संयुक्त कृति समिति के गुणवंत डकरे, प्रदिप दाते, इंटक के अर्चना भोमले, रामेश्वर वाघ, जिप स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के सिध्दार्थ तेलतुंबडे, वंदना उईके, दीपक कांबले, ठेका नर्सेस यूनियन के संगीता रेवडे, भारती मून ने किया़  जिप के समक्ष जनसभा को दिलीप उटाणे ने संबोधित किया़  हड़ताल को किसान आंदोलन समन्वय समिति के अविनाश काकडे ने समर्थन दिया़  आंदोलन में बड़ी संख्या में श्रमिकों ने हिस्सा लेकर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. 

राजस्व कर्मचारियों ने किया धरना आंदोलन 

जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष राजस्व कर्मचारी संगठन की ओर से धरना आंदोलन किया गया़  नेतृत्व जिलाध्यक्ष संजय मानेकर, कार्याध्यक्ष किशोर शेंडे, कोषाध्यक्ष अतुल रासपायले, महासचिव अजय धर्माधिकारी ने किया़  शासन निर्णय 10 मई 2021 अन्वय नायब तहसीलदार यह संवर्ग राज्य स्तर संवर्ग घोषित किया है़  इसके अनुसार अव्वल कर्मचारी व मंडल अधिकारी को सेवा वरिष्ठता सूची राज्य स्तर पर एकत्रित करने संबंध में पत्र जारी किया गया़  किन्तु अव्वल कर्मचारी व मंडल अधिकारी संवर्ग यह जिला स्तरीय संवर्ग होने से उपरोक्त प्रक्रिया अन्यायकारक हैं, जो शीघ्र रद्द करें. उनकी पदोन्नति की वर्तमान प्रक्रिया कायम रखी जाए़  उन्हें नायब तहसीलदार पद पर पदोन्नति दी जाने सहित अन्य 7 मांगों को लेकर धरना दिया गया़  आंदोलन पर बैठे कर्मियों को संगठन के सलाहकार हरिश्चंद्र लोखंडे ने संबोधित किया. 

डाक विभाग के कर्मियों ने भी जताया रोष

ऑल इंडिया डाक सेवक संगठन व ऑल इंडिया पोस्टल यूनियन व नेशलन यूनियन आफ पोस्टल एम्लाइज ने भी हड़ताल में शामिल होकर पोस्ट कार्यालय के समक्ष धरना दिया़  कामगार विरोधी कानूनी रद्द करने, जीडीएस सहित सभी कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, सामूमिक बीमा लागू करने, डाक सेवा का निजीकरण रोकने, ग्रामीण डाक सेवकों को विभाग में शामिल कर सरकारी कर्मी का दर्जा देने,ग्रेजुटी 1.50 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किए जाने, पेड अवकाश 180 दिन का करने, नई पेन्शन योजना रद्द कर पुरानी योजना लागू करने, ट्रेड यूनियन पर हमले रोकने, फ्रेन्चाइजी आउटलेट व डाकमित्र योजना रद्द करने, नोडल डिलीवरी सेंटर बंद करने सहित अन्य मांगों का ज्ञापन सरकार को भेजा गया़ आंदोलन में संगठन के अध्यक्ष डीएन कापसे, उपाध्यक्ष पीएस निंबोरकर, गोविंद उइके, विजय कातोरे, राम दरने, अम्बादास पोहाणे, मंगेश पुन्ने, शिरिष पाटिल, विलास काकडे, युवराज भागवत सहित अन्य कर्मियों ने हिस्सा लिया. 

बिजलीकर्मियों ने विरोध में की नारेबाजी 

महाराष्ट्र राज्य बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति व महाराष्ट्र राज्य बिजली कंत्राटी कामगार संगठन कृति समिति के नेतृत्व में कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए़  बिजली कामगार हड़ताल के संबंध में ऊर्जा मंत्री से चर्चा की गई़  लिखित एग्रीमेन्ट नहीं होता तब तक हड़ताल शुरू रखने का निर्णय लिया गया़  गत दो माह से बिजली कर्मचारी, अभियंता, अधिकारी संयुक्त संघर्ष समिति व महाराष्ट्र राज्य वीज कंत्राटी कामगार संगठन कृति समिति की ओर से शुरू आंदोलन अब तीव्र किया जा रहा है़  आंदोलन में करिब 39 संगठनों हिस्सा लिया है़  इससे महावितरण के काम प्रभावित हो गए है.
 

जलविद्युत केंद्र का निजीकरण न करने, केंद्र सरकार का संशोशित बिजली कानून 2021 को विरोध करने, तीनों कंपनियों में रिक्त पद शीघ्र भरने, ठेका कर्मियों को न्यूनतम साठ वर्ष तक नौकरी में सुरक्षा देने सहित अन्य मांगों को लेकर ध्यान खींचा गया़  29 मार्च तक मांगे मान्य नहीं की गई तो हड़ताल आगे भी जारी रखने की चेतावनी दी ई है. वर्धा के आंदोलन में संगठन के पदाधिकारी एसके लोखंडे, राजेंद्र निकम, आरडी राठौड़, नागोराव पराते, मुकुंद हनवटे, सोपान इंगोले, राजुअली मुल्ला, सीताराम चव्हाण, राजन शिंदे, दामोदर धंगोले, प्रवीण वर्मा, अनिल तराले सहित बड़ी संख्या में कर्मी शामिल हुए.