वर्धा. जिले में चल रही एसटी कर्मियों की हड़ताल 37 वें दिन भी जारी रही़ हड़ताल के कारण ग्रामीण अंचल में यात्री व विद्यार्थियों के हाल बेहाल हो रहे है़ं बसें बंद रहने के कारण विद्यार्थी पास योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. उन्हें अतिरिक्त राशि अदा कर शहर में आना पड़ रहा है़ इसमें उनका भारी आर्थिक नुकसान हो रहा.
बता दें कि 28 अक्टूबर से जिले में यात्रियों की हड़ताल चल रही है़ जिले में 37 वें दिन भी एसटी के पहिए थमे हुए है़ परिणामवश यात्रियों के हाल बेहाल हो रहे है़ जिले में एसटी की 800 फेरियां प्रभावित हुई है़ इससे रापनि को जिले में करोड़ों रुपयों का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है़ इस हड़ताल का लाभ उठाकर बाहरी जिले से आनेवाले निजी वाहन यात्रियों से अतिरिक्त राशि वसूल रहे है.
बाहरगांव आने जाने में हो रही परेशानी
उल्लेखनिय हैं कि, जिले से नागपुर व यवतमाल जाने के लिए निजी वाहन उपलब्ध हो रहे है़ परंतु चंद्रपुर, अमरावती, अकोला आदि जिलों में जाने के लिए यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है़ एसटी बंद का सर्वाधिक असर ग्रामीण अंचल में हुआ है़ शालेय विद्यार्थी व बुजुर्गो को एसटी की पास योजना का लाभ मिलता है़ परंतु एसटी बंद होने के कारण पिछले एक माह से विद्यार्थी नकद पैसे चुकाकर शहरों में अध्ययन के लिए आ रहे है़ जहां उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में नागरिक खेतीबाडी पर निर्भर रहते है़.
जिले में अब तक 212 कर्मचारी सस्पेंड
पहले ही फसल न मिलने से वें आर्थिक तंगहाली में जीवनयापन कर रहे है़ं इस स्थिति में पाल्यों को शहरों में पढ़ने के लिए कैसे भेजना, यह समस्या उन्हें सता रही है़ हड़ताल के कारण सरकार ने भी सख्त कदम उठाते हुए एसटी कर्मियों को निलंबित करना शुरू कर दिया है़ इसमें जिले के अब तक 212 कर्मचारी सस्पेंड किये गए है़ं इस डर के कारण कुछ कर्मी अपने काम पर लौट रहे हैं. शुक्रवार को जिले में तीन एसटी बसें दौड़ी. इसमें आर्वी डिपो की दो व पुलगांव डिपो की एक बस का समावेश है.