वर्धा. पुलिस पर गालीगलौज किए जाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए कैदियों ने जिला अस्पताल में हंगामा खड़ा किया़ इस दौरान कैदी व पुलिस कर्मचारी आमने-सामने आने से कुछ देर के लिए तनाव निर्माण हो गया था़ कैदियों ने पुलिस कर्मचारी पर एट्रासिटी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई करने की मांग की़ जब तक कार्रवाई नहीं होती तब तक जेल नहीं जाने की बात कहते हुए इलाज करने से मना कर दिया़ करीब आधे घंटे चले घटनाक्रम से परिसर में हड़कम्प मच गया था़ जिला कारागृह प्रशासन की ओर से शुक्रवार को सुबह 14 महिला एवं पुरुष कैदियों को अस्पताल में चेकअप के लिए लाया था.
अस्पताल में चेकअप के लिए लाया था
इसमें कैदियों की सोनोग्राफी एवं स्कीन विभाग में जांच के लिए ले जाया जा रहा था़ इस बीच कैदी स्वप्नील सडमाके, आतिष गवली, दीपक वैरागडे, राजविलास मून, विश्वास सायवान, सुनील राऊत ने वहां उपस्थित पुलिस कर्मचारी पर गालीगलौज का आरोप करते हुए हंगामा किया़ जब तक गालीगलौज करने वाले कर्मचारी पर अपराध दर्ज नहीं किया जाता, तब तक वह पीछे नहीं हटेंगे़ इलाज से मना करते हुए जेल वापस जाने से मना कर दिया.
अतिरिक्त पुलिस दल बुलाया
कैदी स्वयं का इलाज कराने को इनकार कर रहे थे़ पुलिस पर एट्रासिटी के अंतर्गत अपराध दर्ज करें. जब तक कार्रवाई नहीं होती जेल वापस नहीं जाएंगे, यह कहकर कैदी अस्पताल में बैठ गए़ इसकी जानकारी वरिष्ठों को देते ही थाने में अतिरिक्त दल बुलाया गया़ करीब आधे घंटे के बाद मामला शांत हुआ.
सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल
जब अस्पताल में कैदी हंगामा मचा रहे थे, इसका वीडियो उनके परिजनों ने निकाला़ यह वीडियो वायरल होने से दिनभर चर्चाओं का बाजार गरमाया था.
टोकने के कारण गुस्सा उमड़ा
कैदियों से मिलने बड़ी संख्या में उनके परिजन आए थे़ इस दौरान नशिले पदार्थ लेकर जाने की संभावना रहती है़ कैदी अपने परिजनों से बात करने की कोशिश में अस्पताल के बाहर निकलने का प्रयास कर रहे थे़ इस बात पर उन्हें टोका था़ परिजनों से मिलने नहीं दिया इससे गुस्सा होकर गालीगलौज करने का आरोप कैदी लगा रहे थे़ उन्हें मैंने जानबुझकर गाली नहीं दी.
-जनार्दन धोटे, एएसआय.