Workers Warning

  • युवा संघर्ष मोर्चा की विल्स इंडिया को चेतावनी

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देवली. गत सात वर्षों से विल्स इंडिया कंपनी में कार्यरत 109 श्रमिकों को तीन वर्ष पूर्व कोई भी कारण न देते हुए काम से निकाल दिया गया. अचानक बेरोजगार हुए श्रमिक न्याय के लिए प्रशासकीय कार्यालय के चक्कर लगा रहे है. परंतु न्याय ने मिलने से अब श्रमिकों ने आठ दिनों के भीतर काम पर वापस लें अन्यथा युवा संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में आत्मदाह करने की चेतावनी कंपनी प्रबंधन को दी है.

कंपनी से निकाले गए श्रमिक 109 में से 10 श्रमिक आज भी कंपनी में काम की प्रतीक्षा में है. अन्य 99 श्रमिकों ने काम की खोज में स्थलांतरण किया है. इन दस श्रमिकों को आगामी 8 दिनों में काम पर लें अन्यथा कंपनी के गेट के सामने ही सामूहिक आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. युवा संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में श्रमिकों ने कंपनी प्रशासन से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.

इस दौरान कंपनी पदाधिकारियों ने वाइस प्रेसिडेंट से चर्चा के लिए श्रमिकों को निमंत्रित किया. इसके तहत शनिवार को थानेदार नितिन लेवरकर की पहल से कंपनी प्रशासन, श्रमिक व युवा संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक हुई. परंतु श्रमिकों को काम पर लेने संबंधित कोई भी निर्णय नहीं हुआ, जिससे श्रमिक सामूहिक आत्मदाह के फैसले पर कायम है.

उक्त समय किरण ठाकरे, प्रवीण कात्रे, गौतम पोपटकर, वैभव नगराले, उमेश बोरकर, अफसर, समीर मानकर, राकेश भगत, श्रीकांत सोनटक्के, अभय ताकसांडे, अरविंद राजुरकर, जयंत चव्हाण, नितीन खारकर, सूरज लेवाडे, किरण फुलमाली, महेश फटिंग, नितिन ठाकुर, मोहम्मद शेख, मोहित कोसे, सागर पाल उपस्थित थे.

कंपनी और श्रमिकों के बीच का मामला

मेरे पास विल्स इंडिया कंपनी के श्रमिक और युवा संघर्ष मोर्चा सामाजिक संगठन के लोग आये थे. उन्होंने निवेदन देकर अपनी समस्या से अवगत कराया, लेकिन यह मामला कंपनी और श्रमिकों का है. इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. श्रमिक लेबर कोर्ट में जाकर न्याय मांगे. 

-राजेश सरोदे, तहसीलदार.

कानून व्यवस्था बनाएं रखना मेरी जिम्मेदारी

विल्स इंडिया कंपनी देवली के श्रमिकों ने थाने में आकर निवेदन दिया. उसमें कंपनी ने अगर हमें काम पर नहीं लिया तो हम आत्मदाह करेंगे, ऐसी चेतावनी उन्होंने विल्स इंडिया कंपनी को दी है. लेकिन यह कंपनी और श्रमिकों के बीच का मामला है. हम शहर की कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं देंगे. 

-नितिन लेवरकर, थानेदार.

स्थानीय भूमिपुत्रों को दें रोजगार

एमआईडीसी देवली में कंपनी बनाते समय सैकड़ों एकड़ जमीन शहरवासियों ने दी है. बिजली, पानी, अन्य साधन शहर से ही उपलब्ध हो रहे हैं. फिर भी भूमिपुत्रों को एमआईडीसी की कंपनियों में रोजगार नहीं मिल रहा है. स्थानीय भूमिपुत्रों को रोजगार मिलना चाहिए.

-प्रवीण कात्रे, युवा संघर्ष मोर्चा.