Corona Virus

  • अब 16,000 पर पहुंची संक्रमितों की संख्या

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वर्धा. शासन ने राज्य सहित जिले में गत वर्ष मार्च माह में ही लाकडाउन लागू किया गया था. उस वक्त वर्धा जिले में कोरोना का एक भी पाजिटिव मरीज नहीं था. इसे 20 मार्च को वर्षपूर्ति पूरी हो गई.

गत एक वर्ष पूर्व से शासन ने कोरोना की श्रृंखला तोड़ने के लिए प्रयास शुरू किए है. परंतु अब तक कोरोना संक्रमण का खतरा कम होने के बदले बढ़ता ही जा रहा है. वर्धा जिले में लाकडाउन के डेढ़ माह बाद यानी 10 मई 2020 को कोरोना का पहला मरीज मिला था. इसके बाद केवल 10 माह में जिले के मरीजों की संख्या 16 हजार तक पहुंच गई. अब मार्च माह में कोरोना की मरीज संख्या ने कहर किया है. जिले में मई माह से शुरू हुई कोरोना संक्रमण की श्रृंखला आज भी कायम है.

शासन ने लाकडाउन घोषित करने के बाद नागरिकों में भागदौड़ मची थी. वर्धा शहर के चौक-चौक व ग्रामीण विभाग में पुलिस की नाकाबंदी थी. बेवजह घर से बाहर निकालने वाले नागरिकों पर कार्रवाई की जा रही थी. बाहरी जिले से आने वाले वाहनों की कड़ाई से जांच होती थी. उस वक्त अनेकों पर कार्रवाई की गई. अचानक लगे लाकडाउन से सभी उद्योग, व्यवसाय ठप हुए थे. अनेकों के रोजगार छीन गए. अनेकों को नौकरियां गंवानी पड़ी.

पुणे, मुंबई, नागपुर सहित अन्य बड़े शहरों से रोजगार के लिए लोगों को वापस लौटना पड़ा. हजारों लोग बेरोजगार हो गए. बाहरगांव वाले मजदूर ग्रामीण विभाग में लौटे. सार्वजनिक यातायात नहीं रहने से अनेक लोग पैदल ही गांव लौटे थे. जिले में अत्यावश्यक सेवा छोड़ सबकुछ बंद था. तब से लेकर आज भी कोरोना का संक्रमण कायम है. एक वर्ष बीतने के बाद भी कोरोना की श्रृंखला तोड़ने में प्रशासन, शासन सफल नहीं हुआ है. न ही नागरिक गंभीर दिखायी दे रहे है.