मानसून के आगमन की आहट, खेती तैयार करने में जुटा किसान

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वर्धा. केरल में मानसून ने दस्तक देने के बाद राज्य में भी जल्द आगमन होने की भविष्यवाणी मौसम विभाग ने करने के उपरांत किसान खेती के काम पर जुट गया है. बीज, खाद की खरीदी के साथ किसान बुआई के लिए जमीन तैयार कर रहा है. फिर एक बार नई उम्मीद के साथ अपना सपना लेकर किसान पसीना बहाने के लिये तैयार हो गया है.

भीषण गर्मी के बाद किसान मानसून की ओर आस लगाकर बैठता है. इस वर्ष केरल में मानसून का आगमन देरी से हुआ. परंतु राज्य में अगले सप्ताह बारिश का आगमन होने की संभावना है. परिणामवश किसान खेती के कार्य में युद्धस्तर पर जुट गया है. दोपहर में तेज धूप होने के कारण सुबह तथा शाम के समय खेती के कार्य हो रहे है.

ग्रीष्मकाल में जमीन की जोताई करने के उपरांत अब किसान खेत की साफसफाई के साथ बुआई के लिये जमीन तैयार कर रहा है. कृषि विभाग ने इस वर्ष जिले में 4 लाख 33 हजार हेक्टेयर में खरीफ की बुआई होने का अनुमान लगाया है. कपास का क्षेत्र 2 लाख 15 हजार हेक्टेयर तथा सोयाबीन का 1 लाख 35 हे., तुअर का क्षेत्र 74 हजार व शेष क्षेत्र में अन्य फसल की बुआई होगी.

संभावित क्षेत्र को देखते हुए बीज तथा खाद की उपलब्धता सरकार ने की है. कृषि विभाग ने 1 जून के बाद बीज की बिक्री करने के निर्देश कृषि केंद्र संचालकों को दिये थे, जिससे 1 जून से किसानों ने बीज की खरीदी आरंभ कर दी है. किंतु खरीदी का प्रतिशत वर्तमान में कम है. मौसम में बदलाव होने के उपरांत खरीदारी में तेजी आयेगी.

किसान ले रहा बीजों की जानकारी

फसलों पर प्रति वर्ष संक्रमक बीमारियों का प्रकोप व कम उपज तथा बाजार में कपास व सोयाबीन की अनेक वेरायटी उपलब्ध होने के कारण किसानों में  संभ्रम की स्थिति निर्माण हो गई है. इस कारण इस बार बीज की खरीदारी करते समय सावधानियां बरत रहा है. कृषि तज्ञ व प्रगतिशिल किसानों से जानकारी लेकर बीज की खरीदारी पर जोर दे रहा है.

फिलहाल बीज की खरीदारी कम 

फिलहाल बीज की खरीदी  का प्रतिशत कम है. किसान बारिश अथवा बारिश का मौसम तैयार होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इस वर्ष किसानों ने कपास व अन्य फसल देरी से बेचने के कारण उन्हें राशि प्राप्त नहीं हुई. उसका भी असर खरीदी पर हो रहा है.

-दिलीप जाजोदिया, संचालक-कृषि केंद्र.