वर्धा. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. गृहिणी का बजट बिगड़ गया है़ घरेलू गैस की कीमतों में भी तेजी आयी है़ पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम जनता परेशान है़ पिछले केंद्र सरकार ने फिर से घरेलू सिलेंडर में 25.50 रुपए की बढ़ोतरी की़ परिवार के मुखियाओं को अपने घर के बजट को समायोजित करने कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है़ महिलाओं की ओर से भी नाराजगी है कि घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी ने आम आदमी के लिए जीना मुश्किल कर दिया है़ केंद्र सरकार ने ग्रामीण इलाकों में धुआं मुक्त नीति के तहत उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर बांटे़ ग्रामीण इलाकों में झोपड़ियों तक गैस पहुंचाई गई, किंतु अब गैस की कीमतों में बढ़ोतरी बर्दाश्त से बाहर है़ जरूरतमंदों के जेब पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है़ क्षेत्र की महिलाएं फिर से चूल्हे की ओर रूख कर रही हैं.
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का बिगड़ा आर्थिक बजट
ग्रामीण का आर्थिक बजट बिगड़ने पर ग्रामीण महिलाओं ने फिर किया चूल्हे की ओर रुख किया है. ग्रामीण क्षेत्रों में चूल्हे पर खाना बनाना एक परंपरा है़ एक मुफ्त गैस योजना लागू की गई थी़ समय के साथ सिलेंडर सस्ते होते जा रहे थे़ घरेलू गैस की कीमतों में पिछले साल से तेजी से उछाल आया है़ इसके अलावा तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हुई है़ नतीजन परिवार का आर्थिक बजट बिगड़ गया है.
केंद्र की उज्ज्वला योजना का हो गया बंटाढार
पीएम उज्ज्वला योजना केंद्र सरकार ने 1 मई 2016 को शुरू की. करीब पांच करोड़ महिलाओं को एचपी गैस कनेक्शन दिया जाना था. महिलाओं का सक्षमीकरण व स्वास्थ्य के मद्देनजर यह योजना चलाई गई. परंतु पेट्रोल, डीजल की बढ़ती दर के साथ गैंस सिलेंडर के दर भी बढ़ने से अब गरीबों का आर्थिक बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है. सब्सिडी गायब हो गई है, जिससे अब उज्ज्वला योजना का बंटाढार होते दिखाई दे रहा है.