Scrub Typhus

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    वर्धा. जिले में संक्रामक बीमारी, कोरोना, स्वाइन फ्लू के साथ-साथ अब स्क्रब टायफस का खतरा बढ़ गया है़ जिले के सेलू तहसील में इस बीमारी का एक मरीज पाये जाने की जानकारी है़ बता दें कि, स्क्रब टायफस यह कृमि संक्रमण बीमारी है़ यह बीमारी आरेंटिया सुटसुमुशी जीवाणु के कारण होती है़ यह जीवाणु चिगार माइट नाम के किट पर बढ़ती है़  यह कीट झड़ियों तथा चूहे के शरीर पर बढ़ते है़ं पशुओं पर भी यह कीट पाये जाते है़ं जो मनुष्य के शरीर पर काटने से स्क्रब टायफस यह बीमारी फैलती है़  इस बीमारी से बचने के लिए झाड़ियों को साफ करना जरूरी है.

    बीमारी के लक्षण

    तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर जखडना, शरीर पर जख्म, खुजली होना तथा शरीर पर चट्टे आते है़ं  उक्त लक्षण पाये जाने पर तुरंत अस्पताल में अपनी स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए़  इस बीमारी से बचने के लिए पूरा शरीर ढके इस तरह के कपड़े पहने़ं  मकान व आस पड़ोस के परिसर में झाड़ियां नष्ट करें. 

    बरतें सावधानी

    मकान में चूहे अथवा अन्य पशुओं से दूर रहे़ं  मकान में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें. ग्रामीण क्षेत्र में मकान के पड़ोस में पशुओं के तबेले होते है़ं  यहां पर भी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखे़ं  लक्षण पाये जाने पर चिकित्सक को दिखाए़ं  कीट पर नियंत्रण रखा जाए़ घरेलू इलाज न करें. सभी सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी की दवाइयां उपलब्ध है़  इस बीमारी से डरें नहीं, बल्कि सतर्कता बरतें, ऐसा आह्वान स्वास्थ्य प्रशासन ने किया है.

    डरें नहीं, सतर्क रहें

    स्क्रब टायफस इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है़ परंतु जनता अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहे़ं हाल ही में वैद्यकीय जनजागृति मंच ने बीमारी के संदर्भ में जनजागरण अभियान चलाया है़  इसके लक्षण पाये जाने पर तुरंत अस्पताल में पहुंचे़ं मकान परिसर व पशुओं के तबेले में विशेष कर साफ सफाई रखे़ं  झाड़ियों को नष्ट करें.

    -डा़ सचिन पावडे, चिकित्सक