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    वर्धा. जिले में पिछले कुछ दिनों से मौसमी बीमारियों ने जोर पकड़ा है़ वायरल संक्रमण के कारण निजी व सरकारी अस्पताल फुल हो गए है़ं  जिला सामान्य अस्पताल की ओपीडी पिछले एक माह की तुलना में काफी बढ़ गई है़ प्रतिदिन यहां 600 से 700 सर्दी, खांसी, बुखार के मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे है़ं  इसमें सर्वाधिक भीड़ छोटे बच्चे व बुजुर्गों की ही देखने मिल रही है़ बदलते मौसम के चलते नागरिकों को स्वास्थ्य का ध्यान रखने का आह्वान किया गया है़.

    बता दें कि, जिले में जुलाई माह में अतिवृष्टि दर्ज की गई़ भारी वर्षा के कारण सर्वत्र बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है़ गत कुछ दिनों से बारिश से राहत मिली है़ परंतु अचानक से मौसम में बदलाव देखने मिल रहा है़  मौसम में उमस होने के कारण इसका असर जनस्वास्थ्य पर हो रहा है.

    बारिश में जलजन्य रोगों का खतरा

    बारिश के मौसम में अकसर जलजन्य बीमारियां अधिक जोर करती है़ं परंतु पिछले कुछ दिनों से जलजन्य बीमारियों के साथ-साथ संक्रामक बीमारियां फैल रही है़ ग्रामीण अंचल में निरंतर हुई बारिश के कारण दूषित जलापूर्ति हो रही है़ कई गांवों में मिट्टी मिश्रित पानी घरों तक पहुंच रहा है़ इसके कारण लोग बीमार हो रहे है़ं  दूसरी ओर बदलते मौसम का असर भी जनस्वास्थ्य पर देखने मिल रहा़ विशेष कर छोटे बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार देखने को मिल रहा है़  बुजुर्गों में भी संक्रामक बीमारी का खतरा बढ़ रहा है.

    पहले ही कोरोना की चौथी लहर का संकट जिले पर मंडर रहा है़ ऐसी स्थिति में स्वाइन फ्लू का भी खतरा बढ़ गया है़ इन दिनों डेंगू का भी डर नागरिकों में है़ पिछले कुछ दिनों से जिला अस्पताल में प्रतिदिन 600 से 700 मरीजों का ओपीडी में पंजीयन हो रहा है़ बारिश के दिनों में खास कर छोटे बच्चे व बुजुर्गों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने का आह्वान चिकित्सक कर रहे है़.

    इन बातों पर दें ध्यान

    बारिश के मौसम में जलजन्य व संक्रामक बीमारियां फैल रही है. ऐसे समय में नागरिक उबालकर ही पानी का सेवन करें. मकान व आसपास का परिसर साफ रखें. कहीं पर भी अधिक समय के लिए पानी संचित न होने दें. सर्दी, खांसी व बुखार होने पर तुरंत समीप के स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचें, ऐसा आह्वान चिकित्सक कर रहे है़.

    दवाइयों का स्टॉक उपलब्ध

    मौसमी बीमारियों के लिए लगनेवाली सभी प्रकार की दवाइयों सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध बताई गई है. सर्दी, खांसी, बुखार, जुलाब के मरीजों की संख्या अधिक होने से इसके लिए लगनेवाली सभी प्रकार की औषधि मरीजों को दी जा रही है़ ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उपकेंद्रों पर स्वास्थ्य यंत्रणा कार्यरत बताई गई.