Tobacco smuggling under the guise of transport

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    वर्धा. तंबाकू नियंत्रण कानून पर सख्ती से अमल करने में संबंधित विभाग कमजोर साबित हो रहा है़ केवल दिखावे के लिये राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 11 पानटपरियों पर कार्रवाई करके उनसे 11,000 रुपयों का जुर्माना वसूला गया़ वहीं अन्य समय संबंधित विभाग इस ओर अनदेखी करता नजर आता है.

    बता दें कि, तंबाकू व तंबाकूजन्य पदार्थों की बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग एवं जिला शल्य चिकित्सक कार्यालय पर रहती है़ परंतु जिले में दोनों विभाग इस कानून पर सख्ती से अमल करने में कमजोर साबित हो रहे है़ धड़ल्ले से पानटपरियों पर तंबाकू व तंबाकूजन्य पदार्थों की बिक्री हो रही है.

    अनेक युवा इन पदार्थों का सेवन करते है़ इससे नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में आ गया है़ इन पदार्थों के सेवन से बीपी, शूगर, पक्षाघात, हृदयविकार, कैन्सर जैसी बीमारियां जकड़ती जा रही है़ तंबाकू व तंबाकूजन्य पदार्थों में विभिन्न रासायनिक घटकों का समावेश होता है़  जो शरीर के लिये हानिकारक साबित होते है़ तंबाकूजन्य पदार्थों के सेवन का प्रमाण छोटे बालकों में भी बढ़ता जा रहा है. इस ओर गंभीरता से देखा जाना जरूरी है.

    मात्र तहसील में ही की जा रही कार्रवाई

    उल्लेखनीय है कि तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत केवल समुद्रपुर तहसील में ही कार्रवाई की गई है़ जबकि अन्य तहसील व शहरो में कार्रवाई क्यों नहीं हुई, यह सवाल उपस्थित हो रहा है़ इस ओर जिला शल्य चिकित्सक डा़ सचिन तड़स, खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त (खाद्य) जयंत वाणे ने ध्यान देने की आवश्यकता है़ वर्तमान में तंबाकू नियंत्रण कानून 2003 तथा 29 मई 2021 के शासन निर्णय अनुसार तंबाकू, सुपारी, पानमसाला, गुटका आदि तंबाकूजन्य पदार्थों का सेवन करने अथवा थूंकने एवं धुम्रपान करने पर मनाई है़  इन सभी नियमों का जिले में उल्लंघन होता दिखाई दे रहा है.