शौचालय ने ली सिंदी (रे.) के नगराध्यक्ष की बली, जिलाधिकारी ने घोषीत किया अपात्र

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  • राज्य में इस प्रकार की पहली कार्रवाई

सिंदी-रे. शौचालय उपयोगिता का प्रमाणपत्र निर्धारित समयावधी में प्रस्तुत न करने के मामले में जिलाधिकारी विवेक भीमनवार ने सिंदी रेलवे की नगराध्यक्ष संगीता शेंडे को अपात्र घोषीत किया़ राज्य में शौचालय के चलते नगराध्यक्ष को अपने पद से बेदखल होने की यह पहली घटना है़ 

बता दे कि, 2016 में हुए नप चुनाव में जनता से भाजपा की नगराध्यक्षा संगीता सुनील शेंडे विजयी हुई थी़ 7 मई 2016 को राजपत्र के अनुसार विजयी होने के बाद 180 दिनों के भितर घर में शौचालय होकर इसका नियमित उपयोग हो रहा है, ऐसा प्रमाणपत्र नगर परिषद को प्रस्तुत करना जरुरी है़ उक्त प्रमाणपत्र प्रस्तुत न करने से नगराध्यक्ष को किया जाए, ऐसी मांग चंद्रशेखर जनार्धन बेलखोडे ने जिलाधिकारी की ओर की थी़.

उक्त शिकायत पर 18 दिसंबर 2020 को जिलाधिकारी विवेक भीमनवार ने आदेश जारी करते हुए संगिता शेंडे को नगराध्यक्ष पद से अपात्र घोषीत कर दिया़ नगराध्यक्षा संगीता शेंडे का कार्यकाल पिछले चार वर्षों में विवादास्पद रहा़ अनेक कामों अनियमितता भी उजागर हुई है़ नगराध्यक्ष के खिलाफ चंद्रशेखर बेलखोडे ने महाराष्ट्र नगर परिषद, नगर पंचायत व औद्योगिक नागरी अधिनियम 1965 की धारा 44(3), 44 (1), (ए),16 (1), (एम) अनुसार शिकायत दर्ज की गई थी़.

शिकायतकर्ता का पक्ष एड. परीक्षित पेटकर ने एवं नप की ओर से एड. राम देशपांडे ने पक्ष रखा़ जिलाधिकारी ने दोनो पक्षों की बात सूनने के बाद नगराध्यक्ष को अपात्र करने की घोषणा की़ उल्लेखनिय यह कि, शौचालय उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत न करने पर नगराध्यक्ष को अपात्र ठहराने का यह राज्य में पहला निर्णय बताया जा रहा है़

नगराध्यक्ष पक्ष पीयूष कदम ने रखा.  नगराध्यक्ष शेंडे को पद से अपात्र घोषित करने के उपरांत शहर में फटाके फोड़कर जश्न मनाया गया.