वर्धा. विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासी युवा महासंघ ने सोमवार से जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में 3 दिवसीय श्रृंखलाबद्ध अनशन शुरू कर दिया है़ गुरुवार तक महासंघ के विभिन्न सदस्य इस अनशन में सहभाग लेकर अपनी मांगों पर डटे रहेंगे़ वर्धा एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प कार्यालय में कुल 36 पदों में से रिक्त पद तुरंत भरे जाए. वर्धा जिले के सरकारी आश्रमशालाएं बंद पड़ी है़.
स्कूलें गैर आदिवासी संस्थाओं को न देते हुए आदिवासी स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रशिक्षण केंद्र चलाने के लिए लीज पर दी जाए़ नामचीन अंग्रेजी मीडियम निवासी स्कूलें जिला स्तर पर नवोदय विद्यालय के पैटर्न पर किराये पर लेकर शुरू करें. शबरी आदिवासी घरकुल योजना का निधि 1 लाख 20 हजार की बजाए 3 लाख रुपए करें.
वनहक्क कानून के अंतर्गत हो अमल
आदिवासी विभाग को मिलने वाला निधि अन्य विभाग को न देते हुए आदिवासी प्रकल्प कार्यालय अंतर्गत खर्च करें. आदिवासी सुवर्ण महोत्सवी स्कालरशिप योजना कक्षा 1 से 10 वार्षिक आय गुट 1 लाख 8 हजार है़ इसकी बजाए समाज कल्याण विभाग की तरह चलाई जाए. न्यूक्लेस बजट अंतर्गत आने वाला निधि तुरंत दे. नाविण्यपूर्ण योजना का नियोजन जायजा समाजसेवी संस्था, संगठन के साथ बैठक लेकर नियोजित करें. वनहक्क कानून के अंतर्गत अमल किया जाए.
प्रत्येक गांव में समाज भवन बनाएं
जगह के पट्टे, जमीन पट्टे तथा वनहक्क समिति सक्रिय करें. उक्त योजना आदिवासी संस्था व संगठन का चयन किया जाए़ गैरआदिवासी संस्था का चयन न करें. ठक्करबाप्पा आदिवासी विकास योजना के अंतर्गत 50 फीसदी समाज रहने वाले गांवों का चयन कर समाज भवन प्रत्येक गांव में दिया जाए. आदि विभिन्न मांगों का समावेश है़.
आंदोलन में करने वालों में संगठन के शंकर आत्रा, कार्याध्यक्ष विजय कंगाले, महासचिव संजय इरपाचे, प्रमोद धुर्वे, प्रितम कुंभारे, मोहन तुमराम, विवेक कोकाटे, अंबादास मडावी, मिथुन उईके, विशाल पेंदाम, आशीष आडे, महेंद्र जुगनाके, विट्ठल चौके, मधुकर सोरांबे का समावेश है.