वर्धा. कोविड-19 महामारी के चलते रेलवे प्रशासन ने कई रेल गाडिया बंद कर दी गई थी़ उस समय कुछ स्पेशल गाडिया चलायी गई़ इन गाडियों में वरिष्ठों को दी जानेवाली सहुलियत नहीं थी़ इसके बाद कोरोना का प्रादुर्भाव कम होने से रेलवे सेवा पुर्ववत शुरु कर दी गई़ अनेक गाडिया नियमित शुरु कर दी गई़ परंतु आज भी वरिष्ठ नागरिकों को दी जानेवाली सहुलियत अब तक शुरु नहीं की गई़ वरिष्ठ नागरिक तथा यात्री संगठन की सूचना को ध्यान में रखकर सांसद रामदास तडस ने उक्त सेवा पूर्ववत करने की मांग लोकसभा में रखी.
सांसद तडस ने लोकसभा के नियम 377 अंतर्गत मांग रखते हुए कहा कि, कोविड-19 के पहले के दौर में रेलवे विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों को दी जानेवाली रेल सफर में सहुलियत पूर्ववत शुरु करें. ऐसी बिनती रेलवे मंत्री से की़ वर्तमान में रेलवे मंत्रालय ने वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे में दी जानेवाली सेवा स्थायी रुप से बंद करने की जानकारी है़ परिणामवश देशभरे में करिब 20 कराड वरिष्ठ नागरिकों पर अन्याय हो रहा है़ वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए रेलवे में सहुलियत जरुरी है.
वरिष्ठ नागरिकों को कोविड-19 के पहले जो सेवा उपलब्ध करायी गई थी, वह जस की तस रखी जाए़ ताकि जीवन की पूर्वसंध्या के दिनों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे द्वारा राहतभरा निर्णय होगा, ऐसा भी सांसद तडस ने मुद्दा उपस्थित किया़ रेल्वे विभाग के प्रचलित मानको के अनुसार रेलवे टिकट शुल्क में वरिष्ठ महिला को 50 प्रश, वरिष्ठ पुरुषों को 40 प्रश सहुलियत दी जाती है.
इस लिए वरिष्ठ नागरिकों को काफी राहत मिलती है़ लंबे पल्ले की मेल, एक्स्प्रेस, सुपरफास्ट गाडियों के वातानुकुलीत कक्ष में सफर करते समय शुल्क में राहत अधिक है़ वरिष्ठ वरिष्ठ नागरिक सफर के लिए पहली पसंद रेलवे को देते है़ परंतु उसी रेलवे में वरिष्ठों को सहुलियत बंद करने से वें आर्थिक अडचण में आ गए है़ केंद्र सरकार व रेलवे प्रशासन ने रेलवे में उपरोक्त सेवा पुर्ववत करने पर जोर देना चाहिए, ऐसी मांग सांसद तडस ने रखी.