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    वर्धा. खाद्य तेल के स्वरुप में पाम तेल का इस्तेमाल हानिकारक व घातक साबित हो रहा है. पाम तेल के कारण अनेक बीमारियों को न्योता मिल रहा है. इतना ही नहीं तो जीवनभर के लिए स्वास्थ्य का नुकसान होने की संभावना है. पाम तेल शरीर के तापमान में भी नहीं पिघलता, जिससे वे नसों में ही रहकर बीमारियों को बढ़ावा देता है. वहीं दूसरी ओर अनेक होटल्स, रेस्टारेंट में पाम तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे त्योहारों के दिनों में नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत है.

    इंटरटेक के प्रस्ताव के तहत मलेशिया ने एक अक्टूबर 2020 से 31 अक्टूबर 2020 तक समूचे भारत में 16 लाख 90 हजार टन पाम तेल की आयात किया, जो कि, 5.58 फीसदी से बढ़ा है. दूसरी ओर मलेशिया ने एक सितंबर 20 से सितंबर 2021 तक देश में 16 लाख टन पाम तेल की आयात किया है. पाम तेल यह देश में तैयार नहीं होता. उसका आयात मलेशिया से किया जाता है. लाकडाउन, कर्फ्यू जैसे उपाय योजना पर अमल किया गया. कुछ समय तक प्रतिष्ठान बंद रहे. होटल, रेस्टारेंट भी बंद रखे थे. इस अवधि में नागरिकों की होटलिंग पूरी तरह से बंद रखी गई थी. 

    सभी में पाम तेल सबसे सस्ता

    पाम तेल सभी तेलों की कीमतों की तुलना में सस्ता है. इससे तैयार खाद्यपदार्थ अधिक दिनों तक टीके रहते है व बास भी नहीं आती. पदार्थ जल्दी खराब नहीं होते. कुछ लोग पाम तेल दूसरे तेल में मिलाकर इस्तेमाल करते है, परंतु यह भी हानिकारक है. अधिक मुनाफा कमाने तथा पैसों की बचत करने होटल व्यवसायिक नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

    शरीर के तापमान में भी नहीं पिघलता तेल

    अधिक मुनाफा कमाने के लिए तथा पैसों की बचत करने होटल व्यवसायिक पाम तेल का इस्तेमाल करते है. परंतु पाम तेल शरीर के तापमान में भी पिघलता नहीं है. नसों में जाता है, जिससे रक्तप्रवाह रूक जाता है. परिणाम स्वरुप अनेक गंभीर बीमारियां हो रही है. शीतसत्र में तो यह तेल काफी धोकादायक रहता है.

    यह हो सकते हैं दूसरे विकल्प

    पाम तेल स्वास्थ्य के लिए घातक होने से इसका इस्तेमाल टालते हुए सोयाबीन, सनफ्लावर, फल्ली तेल, राइस तेल, सरकी तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह तेल जरासे महंगे है, परंतु स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से हानिकारक नहीं है. होटल व्यवसायियों ने नागरिकों के स्वास्थ्य का ध्यान देखते हुए पाम तेल का इस्तेमाल टालने की बात विशेषज्ञ कह रहे हैं.

    खाद्य तेल का लगाए बोर्ड

    सभी होटल संचालक किस खाद्यतेल का इस्तेमाल करते हैं, यह बोर्ड पर लिखे. अनेक होटल में वैसी पाटी लिखी होती है, परंतु किस तेल का इस्तेमाल होता है, यह नहीं होता. इससे किस खाद्यतेल का इस्तेमाल हो रहा है, उसका बोर्ड लगाना अनिवार्य करना चाहिए.