
देवली (सं). प्रतिबंधित प्लास्टिक का खुलेआम उपयोग शुरू हो गया है. सरकार ने राज्य में प्लास्टिक बंदी का निर्णय लिया था़ लेकिन कार्रवाई के अभाव में शहर में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है. जिससे शहर में प्लास्टिक बंदी केवल दिखावा बनकर रह गई है़ प्लास्टिक से पर्यावरण की होने वाली क्षति टालने के लिए राज्य सरकार ने प्लास्टिक बंदी का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.
राज्य में पिछले कुछ वर्षों से 50 माइक्रान से कम वाली प्लास्टिक थैलियों पर बंदी का निर्णय लिया़ इसके लिए कानून में सुधार किया गया है. इस कानून का पालन नहीं करने वाले होटल, विक्रेताओं के खिलाफ फौजदारी कारवाई का प्रावधान, नियम का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को 3 से 6 माह की सजा व दूकान का लाईसेंस रद्द करने का प्रावधान सरकार के विचाराधीन है.
कागज व कपड़ों की थैलियों का विकल्प
इस संदर्भ में तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में पर्यावरण मंत्री ने भी प्लास्टिक प्रतिबंध की घोषणा की थी. प्लास्टिक थैलियों का व्यवसाय करनेवालों में खलबली मच गई थी. इसमें कारवाई के भय से अनेक व्यापारियों ने अपना प्लास्टिक का व्यवसाय बंद कर दिया था़ इतना ही नहीं पर्याय के रूप में कागज व कपडों की थैलियों का चलन शुरू किया गया.
शहर के अनेक दूकानों में विक्रेताओं ने कागज व कपडों की थैलियों की बिक्री शुरू की थी. खरीदी किए जाने वाले माल के साथ थैलियों का अतिरिक्त शुल्क भी लिया जा रहा था. ग्राहकों ने भी घर से ही थैलियां लाने पर अधिक जोर दिया था. लाकडाउन में शहर में प्लास्टिक की थैलियों का बडे पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है़ लेकिन इस ओर नगर परिषद प्रशासन की पूर्णत: अनदेखी हो रही है.