- बस स्टैड के सामने आटो, निजी बसों का बोलबाला, दुर्घटना का खतरा
वर्धा. बस स्टैंड परिसर में वाहनों की भीड़ दिखाई देना कोई आम बात नहीं है. यहां एसटी महामंडल की बसों के साथ ही आटो, निजी बसें बड़ी संख्या में दिखाई देती है़ वहीं इन दिनों ट्रैफिक विभाग की अनदेखी के कारण परिसर में वाहनों की भीड़ बेकाबू होते दिखाई दे रही है. कहीं भी ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं होने से हमेशा दुर्घटना का डर बना रहता है. कुछ ही साल पहले बस स्टैंड का नये सिरे से निर्माण किया गया है. इसके लिए करोड़ों रुपए की निधि खर्च की गई. इस अत्याधुनिक बस स्टैंड के कारण शहर के सौंदर्यीकरण में निश्चित ही चार चांद लग गए है. किंतु इन दिनों बस स्टैंड के सामने बेकाबू हो रही वाहनों की भीड़ के कारण ट्रैफिक की गंभीर समस्या निर्माण हो गई है. पहले ही बस स्टैंड से एसटी की की बसों का अवागमन शुरू रहता है, जिसमें यहां सामने खड़े रहने वाले आटो एवं निजी बसों के कारण मार्ग ब्लाक हो जाता है.
ट्रैफिक विभाग की अनदेखी से रोष
कुछ सामाजिक संगठनों तथा स्थानीय व्यापारियों ने आगे आकर प्रशासन के पास शिकायत की थी़ लेकिन मार्ग पर निर्माण कार्य शुरू होने से कुछ दिनों तक समस्या कायम रहने का जवाब दिया गया. अब केवल डिवायडर का कुछ कार्य बाकी है, जिससे यातायात विभाग को ट्रैफिक की समस्या की ओर गंभीरता से ध्यान देने की मांग नागरिकों ने की है.
आटो स्टैंड को लेकर नियोजन नहीं
बस स्टैंड के सामने ही आटो स्टैंड के लिए अनुमति दी गई है, लेकिन यहां पर कितने आटो खड़े रहने चाहिए इस बारे में किसी भी प्रकार का नियोजन नहीं है़ बस स्टैंड के सामने बड़ी संख्या में आटो खड़े रहते है़ं कभी कभार यहां आटो मार्ग तक आ जाते है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या निर्माण हो गई है. इसमें ग्रामीण विभाग में जाने वाले आटो तथा छोटे वाहनों का भी समावेश है.
ट्रैफिक में दब गया बस स्टैंड
बस स्टैंड के निर्माण कार्य दौरान आटो स्टैंड के लिए उचित नियोजन नहीं किया गया़ परिणामस्वरूप जहां से बसें निकलती है, उक्त द्वार के दोनों छोर से आटो खड़े रहते है़ साथ ही निजी बसें भी खड़ी रहने के कारण नये से निर्मित यह बस स्टैंड दब गया है़ सीमेंटीकरण का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है. जो कार्य बचा है, वह जल्द से जल्द करने की मांग नागरिकों से उठ रही है.