ढाई एकड़ में लगे तरबूज तबाह, जंगली सुअरों का आतंक कायम

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    आष्टी-शहीद (सं). तहसील के बेलोरा (बु.) के किसान प्रफुल दुर्वास जाणे की काशिमपुर स्थित खेत में जंगली सुअरों ने आतंक मचाया़  इसमें ढाई एकड़ की तरबूज की फसल पूर्णत: तबाह हो गई़, जिसमें उनका भारी नुकसान हुआ है़  दूसरी ओर वन विभाग से मिलने वाली अल्प मदद भी किसान ने नकार दी है.

    बता दें कि खेत सर्वे नंबर 46 में प्रफुल्ल जाने की 2.03 हे़ आर. खेती है़ जंगली सुअरों के आक्रमण से तरबूज की फसल नष्ट होने से हताश किसान प्रफुल जाणे ने वन विभाग के पास नुकसान भरपाई की मांग न करते हुए वनपरिक्षेत्र अधिकारी से प्रत्यक्ष भेंट कर नुकसान क्षेत्र का अवलोकन कर किसान की स्थिति को समझने की अपील की.

    दो दिनों तक लगातार किया नुकसान

    वन्यजीव के आक्रमण में फसल नष्ट होने पर किसान की क्या हालत होती है, यह देखने की बिनती की़ नुकसान भरपाई के लिए कितने कागज लगाने पड़ते है, कितनी परेशानी होती है़ इसकी विस्तृत रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारी के माध्यम से सरकार की ओर लिखित रूप से भेजी गई़  तरबूज की फसल को प्रति एकड़ 1 लाख रुपए खर्च आता है़ प्रफुल दुर्वास जाणे ने करिब ढाई एकड़ में तरबूज की खेती करने पर उन्हें ढाई लाख रुपये तक का खर्च आया है़ परंतु जंगली सुअर दो दिन लगातार खेत पर आक्रमण कर कम्पाउन्ड तोड़ते हुए खेत में प्रवेश कर फसल तबाह कर दी. 

    किसान ने वन विभाग की मदद नकारी

    इस घटना के बाद आर्थिक दिक्कत में फंसें किसान प्रफुल जाणे ने वन विभाग की नुकसान भरपाई संदर्भ में विचार मंथन किया़  वन विभाग द्वारा नुकसान भरपाई कब मिलेंगी़  सभी कागजात एकत्रित कर जमा करने पर हाथ में 5 से 7 हजार रुपए मिलेंगे़  यह विचार करते हुए किसान प्रफुल जाणे ने वन विभाग के वनपरिक्षेत्राधिकारी के पास प्रत्यक्ष नुकसान का अवलोकन करने की अपील की है़  वनपाल, वनरक्षक, कृषि विभाग के कर्मचारियों की स्पष्ट रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकार मिलने के लिए वन विभाग ने अपनी नीति बदलने मांग किसान प्रफुल जाणे ने की है़.