
वर्धा: प्राकृतिक आपदा किसानों के पीछे हाथ धोके पडी है. खरीप में लोटते हुए मान्सून ने कहर बरपाया था. जिससे खरीप का भारी नुकसान हुआ था. अब पुन: मौसम विभाग मंगलवार व बुधवार बारीश के साथ ओले गिरने की चेतावनी दी है. जिससे किसानों पर फिर एक आफत के बादल मंडराने लगे है.
बिते दो दशक से प्राकृतिक आपदा ने किसानों का भारी नुकसान किया है. गत चार वर्षां से प्राकृतिक आपदा के साथ फसल पर विविध संक्रमक बिमारियों का प्रकोप बढ गया है. बोंड इल्ली के कारण कपास के उत्पादन में भारी गिरावट आयी है. गत वर्ष सोयाबीन पर खोड इल्ली आने के कारण किसानों को सोयाबीन का नगण्य उत्पादन हुआ था.
इस वर्ष अच्छी उपज की आंस में किसान थे. परंतु सिंतबर माह में हुई अतिवृष्टी के कारण कपास की फसल का भारी नुकसान हुआ. निरंतर बारीश के कारण बोंड सडे जाने तथा फसल पर प्रभाव गिरने के कारण किसानों का नुकसान हुआ है. इस नुकसान की भरपाई करने हेतू किसानों ने रबी का रूतबा बढाया. जिससे इस बार रबी की क्षेत्र में भारी बढोत्तरी हुई है. वही बांधों व कुओं में जलभंडारन की स्थिती अच्छी होने के कारण भी रबी का क्षेत्र बढा है.
-बोंड इल्ली का पुन: कहर
बारीश जाने के कारण व थंडी के मौसम में कपास की फसल में सुधार होगा ऐसी अपेक्षांए किसानों को थी. परंतु बोंड इल्ली ने आक्रमन करने के कारण अनेक किसानों नवंबर व दिसंबर में ही कपास की फसल उखाडना शुरू कर दी थी. जमीन खाली होने तथा उसमें नही होने के कारण किसानों ने चने अथवा गेंहू की फसल लगाई है.
-तुवर की कटाई आरंभ तो कही फसल खडी
मौसम विभाग ने दो दिनों तक बारीश व ओले गिरने की संभावना जताई है. जिले में तुवर की फसल परिपुर्ण होने के कारण किसानों ने कटाई आरंभ की है. तो अनेक खेतों में तुवर की फसल खडी है. ऐसे में बेमौसम बारीश व उसके साथ आले गिरते है तो तुवर की फसल का भारी नुकसान हो सकता है. जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे बढ गई है.
-चने की फसल को खतरा
वर्तमान में अनेक किसानों की चने की फसल फुल तथा घाटे पर है. ऐसे समय में बारीश अथवा ओले गिरने पर फसल का नुकसान हो सकता है. बारीश के कारण चने का खार जाने से उपज में कमी आने की संभावनाएं अधिक होती है. तथा ओले गिरने से फसल को क्षति हो सकती है.परिणामवश किसानों के सामने इस मौसम में दुसरी आफत मंडराने लगी है. प्राकृतिक आपदा एक के बाद एक किसानों पर कहर बरपा रही है. मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार गत दो दिनों में मौसम में बडा बदलाव हुआ है. बदरीला मौसम फिर छाने लगा है.