The movement of zip and puns by-election intensified, all party leaders increased public relations

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    वर्धा. नगर पंचायत के चुनाव के बाद प्रशासन ने चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव की तैयारियां आरंभ करनी शुरू की है. विविध जानकारियां प्रशासन व्दारा इस संदर्भ में मांगी जा रही है. परिणामवश जल्द ही नप, जिप व पंस चुनाव के आगाज होने की संभावनाएं प्रबल हो गई है. कोरोना संक्रमण के चलते स्थानीय स्वराज संस्था के चुनाव पर विपरीत परिणाम हुआ है. नगर पंचायत के चुनाव करीब एक वर्ष बाद विलंब से हुए हैं.

    नगर परिषद का कार्यालय खत्म होने के कारण जिले की सभी नप पर प्रशासक नियुक्त किया गया है. आनेवाले दो माह में जिला परिषद व पंचायत समिति का कार्यकाल खत्म होगा. एक और चुनाव आयोग ने हाल में नगर पंचायत के साथ कुछ जिप के चुनाव करवाये हैं. देश में भी विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. ऐसे में आयोग स्थानीय स्वराज संस्था के चुनाव की तैयारियां आरंभ करने सूचना सरकार व प्रशासन को दी है. परिणामवश बीते कुछ दिनों से प्रशासन चुनाव की तैयारियों में जुट गया है. सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालय से मांगी जा रही जानकारी चुनाव प्रक्रिया के बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की आवश्यकता होती है.

    सरकारी कार्यालय के साथ अर्धसरकारी कार्यालय के अधिकारी व कर्मी चुनाव प्रक्रिया में शामिल होते हैं. मतदान से लेकर मतगणना तक उनका सहयोग लिया जाता है. जिस कारण प्रशासन जिले के सभी सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालय से कार्यरत अधिकारी व कर्मियों की जानकारी 30 जनवारी के पूर्व मांगी है. भेजे गये पत्र में प्रशासन ने चुनाव की घोषणा आयोग कभी भी कर सकता है. ऐसा कहकर जल्द जानकरी भेजने के लिये कहां है.

    चुनाव विभाग की तैयारियां पूर्ण

    चुनाव विभाग व्दारा कभी भी घोषणा होने की संभावनाएं देखते हुए चुनाव विभाग ने लगभग तैयारियां पूर्ण कर ली है. वोटर सूची को अपडेट करने का कार्य अंतिम चरण है. साथ सर्कल व प्रभागों फारमेशन में कर लिया गया है. वर्धा नप अ व हिंगनघाट वर्ग में होने के कारण यहां 40 सदस्य होंगे. वही देवली व पुलगाव में 20 तथा आर्वी में सदस्यों की संख्या 25 होने की जानकारी है. 

    इच्छुक प्रत्याशी लगे काम पर

    नप का कार्यकाल खत्म हुआ है तो जिप व पंस का खत्म होने की कगार पर होने के कारण इच्छुक प्रत्याशियों ने व्यापक जनसंपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया है. मतदाताओं को लुभाने के लिए विविध विकास कार्य के भूमिपूजन पर जोर दिया जा रहा है. विधायक निधि के साथ ही विविध योजनाओं के माध्यम निधि लाकर जो कार्य अबतक पूर्ण नहीं हुए हैं. उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. 

    आरक्षण बना बाधा

    न्यायालय ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के कारण स्थानीय  स्वराज संस्था चुनाव खटाई पड़े हैं. परंतु हाल ही में ओबीसी आरक्षण के बिना नगर पंचायत के चुनाव होने के कारण जिप व नप चुनाव भी बिना ओबीसी आरक्षण के होने की उम्मीद बढ़ गई है. आनेवाले  पखवाड़े  में ओबीसी आरक्षण पर अंतिम फैसला होना है. इसके बाद ही चुनाव की तिथि निर्भर होगी.