On an average, each administrator has the responsibility of 4 gram panchayats.

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    वाशिम. जिले के कुल 491 में से 458 ग्राम पंचायतों के संगणकीय हस्ताक्षर प्रमाण पत्र (डीएससी) प्रणाली कार्यान्वित हो गई है. बाकी 33 ग्राम पंचायत अभी तक पंजीकरण से दूर है़  15 वित्त आयोग के अंतर्गत की निधि खर्च करने के लिए ग्राम पंचायतों को डीएससी प्रक्रिया पूर्ण करना अनिवार्य रखा गया है़.

    स्थानीय स्वराज्य संस्था के सबसे आखरी घटक ग्राम पंचायत का मजबूतीकरण करने के लिए राज्य व केंद्र सरकार से निधि उपलब्ध किया जाता है़  केंद्र सरकार की ओर से 15वें वित्त आयोग द्वारा ग्राम पंचायतों को निधि उपलब्ध की जा रही है. इस निधि का उपयोग कृति योजना के अनुसार होना व आर्थिक व्यवहार में पारदर्शकता रहना चाहिए.

    इसलिए निधि उपलब्ध करते समय पीएफएमएस इस सार्वजनिक आर्थिक व्यवस्थापन प्रणाली का उपयोग होने की शर्त केंद्र ने रखी है़  जिससे निधि का दूरपयोग होना, परस्पर उपयोग करने पर पाबंदी लगेंगी. इस प्रणाली का उपयोग करते समय ग्राम पंचायत ने किए खर्च की रिपोर्ट तुरंत केंद्र व्दारा देखी जा सकती है़  पीएफएमएस प्रणाली से ग्राम पंचायत के ग्रामसेवक व सरपंच ये दोनों जिम्मेदार व्यक्ति के नाम जोड़ना पड़ता है़  इसके लिए पहले डीएससी तैयार करना पड़ेगा. 

    जिले में 491 ग्राम पंचायतों में से 485 ग्राम पंचायत ने डीएससी  (संगणकीय हस्ताक्षर प्रमाण पत्र) पंजीकरण में भाग लिया है़  इस में 458 ग्राम पंचायत के ग्रामसेवक व सरपंच के डीएससी रिपोर्ट इस प्रणाली पर अपलोड करके एक्टिवेट हुए है़  बाकी ग्राम पंचायतों की पंजीकरण की प्रक्रिया अधूरी है़  जिससे ये ग्राम पंचयात 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत निधि खर्च नहीं कर सकेंगे़.

    इन ग्राम पंचायतों को प्राप्त निधि डीएससी अभाव में अखर्चित रहा है़  डीएससी मंजूर हुए तहसील स्तरीय ग्राम पंचायतों में मंगरुलपीर में 76 ग्राम पंचायतियों में से 76 ग्राम पंचायत, वाशिम में 84 में 83, कारंजा में 91 में से 89, मालेगांव में 83 में से 78, रिसोड तहसील में 80 में से 71, मानोरा तहसील में 77 में से 61 ग्राम पंचायतों का समावेश है़.