किसानों ने रैंडम सर्वेक्षण के लिए सहयोग करें

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    • जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी तोटावार ने किया आहवान

    वाशिम. जिले में 26 व 27 सितंबर और 2 व 17 अक्टूबर को हुई बारिश से सोयाबीन फसल का  नुकसान हुआ है़  इस में 25 प्रश से अधिक नुकसान हुए क्षेत्र के 25 से 30 प्रश रैंडम पध्दति से सर्वेक्षण करने की सूचना है़  जिससे गांवस्तर पर फसल नुकसान के सर्वेक्षण का काम शुरू रहने से प्रत्येक किसानों के खेत पर जाकर सर्वेक्षण कर पंचनामा करने की आवश्यकता नहीं.

    तहसील कृषि अधिकारी व तहसील बीमा प्रतिनिधि ये रैंडम पध्दति से गांव व किसानों के नाम निश्चित कर पंचनामा का काम कर रहे है़  जिससे कुछ किसानों के फसल बीमा की नुकसान के पूर्व सूचना देकर भी पंचनामा नहीं हुआ़  ऐसी गलतफहमिया निर्माण होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता़  जिससे संबंधित किसनों ने फसल नुकसान के पंचनामा के लिए कृषि सहायकों के संपर्क में रहते हुए रैंडम सर्वेक्षण के लिए उनको सहयोग करने का आहवान जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी तोटावार ने किया है़ 

    1.40 लाख किसानों का बीमा संरक्षित 

    जिले में सोयाबीन फसल का 1 लाख 40 हजार 650 किसानों ने 1 लाख 53 हजार 102 हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा संरक्षित किया है. 15 अक्टूबर 2021 आखिर 98,197 किसानों ने सोयाबीन फसल की कटाई के पश्चात नुकसान होने ना बीमा कंपनी, टोल फ्री क्रमांक, ई-मेल, आफलाइन व्दारा पूर्व सूचना दी है. जिले में सोयाबीन फसल का क्षेत्र 3 लाख हेक्टर है. 15 अक्टूबर 2021 आखिर 25 प्रश से अधिक यानि 1 लाख 6 हजार 362 हेक्टेयर क्षेत्र का नुकसान होने का सूचित किया है़ 

    फसल नुकसान की फिर से सूचना दें  

    17 अक्टूबर 2021 को हुई बारिश से सोयाबीन फसल का नुकसान होने से कटाई के पश्चात नुकसान की पूर्व सूचना कंपनी को 72 घंटे में सूचित करना चाहिए़  उसी प्रकार से खड़ी फसल का नुकसान हुए किसानों ने कंपनी को पूर्व सूचना दी होगी व इस बारिश से कटाई पश्चात फसल का नुकसान हुआ है तो कंपनी की ओर फिर से सूचना देना चाहिए़  कटाई के पश्चात यानि कटाई के बाद एक ही बार आवेदन करना आवश्यक है.

    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का और सरकार के प्राकृतिक आपदा पर हुए सर्वेक्षण बीमा योजना का और सरकार के प्राकृतिक आपदा पर हुए सर्वेक्षण का कोई संबंध नहीं है़  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत व्यक्तिगत नुकसान का आवेदन दिया जाता है़  जिससे इस सर्वेक्षण का व अतिवृष्टि से नुकसान हुए पंचनामा का कोई संबंध नहीं है. ऐसा जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी तोटावार ने बताया है.