- खेतों के लिए केवल आठ घंटे बिजली आपूर्ति
आसेगांव. खेत सिंचाई के लिए वर्तमान समय में जल की अच्छी उपलब्धता रहने के बावजूद भी इस वर्ष रबी मौसम में रबी का बुआई स्तर घटने के संकेत बन गए हैं. इस की प्रमुख वजह है कि, खेतों के लिए केवल आठ घंटे तक ही प्रति दिन बिजली आपूर्ति किए जाने की जानकारी किसानों द्वारा प्राप्त हुई है.
इसके अलावा वन्य प्राणियों से फसलों को होने वाले नुकसान को देखते हुए अनेक किसानों ने रबी बुआई करने से मुंह मोड़ लिया है. आसेगांव खेत शिवार में बीते 18 वर्ष पूर्व में सिंचाई बांध का निर्माण किया गया था ताकि किसानों के खेतों सिंचाई की जा सके. लेकिन शुरुआती दौर में किसानों की हालत खस्ताहाल रहने तथा सिंचाई के लिए विविध प्रकार की समस्या रहने से किसान रबी बुआई से वंचित रहने लगे थे.
किंतु बीते पांच वर्षों से इस बांध के जल से आसेगांव व परिसर की सैंकड़ों हेक्टेयर खेती सिंचाई योग्य हो पाई लेकिन प्रयाप्त विद्युत आपूर्ति के अभाव व वन्य प्राणियों की परेशानी से इस वर्ष बीते दो वर्षों की तुलना में इस वर्ष रबी का बुआई क्षेत्र कम रहने की संभावना बन गई है. बीते वर्ष इस बांध के जल उपलब्धता से लगभग 250 एकड़ कृषि भूमि सिंचित की गई थी. जो इस वर्ष घटकर 170 एकड़ तक सीमित रहने की बात उजागर हुई है.
किसानों की माने तो आठ घंटे तक बिजली आपूर्ति से खेत की सिंचाई में दिक्कते पेश आती है. इस के अलावा दिन और रात में फसलों को संरक्षित रखने के लिए खेतों में रतजगा करना पड़ता है. इसके बावजूद उपज में गिरावट के कारण मेहनत की उपज भी मिलना मुश्किल है. जिस वजह से बुआई को टाला जाए तो ही बेहतर है. ऐसा अनेकों किसानो का कहना है.
रबी में गेहूं चने को ही प्राथमिकता
आसेगांव सिंचाई बांध से जो भी किसान रबी मौसम में खेतों की बुआई करते हैं. उक्त सभी किसान अपने खेतों में गेहूं, चने को ही प्राथमिकता देते हैं. गेहूं की फसल बोने से लेकर गेहूं भरने तक 13 बार पानी देना पड़ता है वहीं चने को पांच से अधिक बार पानी देकर संरक्षण करना पड़ता है.