आसेगांव पूर्णा. अहिल्यादेवी होलकर विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय के कक्षा 5 से 12 तक कुल 1200 विद्यार्थी व पालकों ने मुख्यमंत्री व पंतप्रधान को शाला शुरू करने की मांग को लेकर पत्र भेजा है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सभी स्कूलों को बंद कर फिर से ऑनलाइन पढाई शुरू करने का फैसला किया है. लेकिन स्कूल बंद होने से बच्चों का शैक्षिक व मानसिक नुकसान हो रहा है. इस संक्रमण की तीव्रता अधिक गंभीर नहीं होने से छात्रों ने स्कूलें शुरू करने की मांग की है.
सब शुरू, लेकिन शाला बंद
प्राचार्या ज्योति माहुरे के अनुसार छात्रों ने पत्र में लिखा है कि ग्रामीण और राज्य के अशिक्षित श्रमिकों, खेतिहर मजदूरों, अभिभावकों के लिए ऑनलाइन स्कूल एक अव्यवहारिक विकल्प है. माता-पिता और वरिष्ठ जिन्हें टीका लगाया गया है, वे अपने बच्चों को स्कूल भेजे बिना उनके टीकाकरण का उद्देश अधूरा हैं. स्कूली बच्चे घर में वयस्कों को संक्रमित करेंगे, यह भय उचित नहीं है. सभी राजनीतिक कार्यक्रम, अभियान, शादी, समारोह जोर शोर से शुरू हैं, केवल स्कूल बंद होने से माता-पिता में नाराजगी है. कोरोना के डर से अनपढ़ मरने से साक्षर होकर करने में क्या बुराई है, यह बात भी पत्र में कही गई है.