मुद्रा लोन बना धारकों के लिए जी का जंजाल, कोरोना काल में कर्ज धारक बैक फुट पर

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    आसेगांव. केंद्र सरकार द्वारा मध्यम वर्ग के व्यावसायिकों के लिए मुद्रा लोन के अंतर्गत कर्ज वितरण बैंकों के माध्यम से किया गया. उक्त योजना वर्ष 2016 से अमल में लाई जा रही है. जिससे सैंकड़ों बेरोजगारों को रोजगार भी प्राप्त हुआ है. लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना का संक्रमण बढ़ने से सरकार द्वारा लगभग चार माह तक सख्त लाक डाउन लगाया गया था. जिससे व्यावसायिकों के व्यवसाय भी ठप हुए थे. घरों में कैद रहने के कारण कर्ज लेने वाले कर्ज धारकों को कर्ज के पैसों से ही अपना व अपने परिवार का जीवनयापन करने की नौबत आयी थी.

    जिससे अनेकों कर्ज धारकों की कर्ज पर ली गई राशि तक खर्च हो गई. अब उक्त कर्ज कैसे चुकाया जाए यह समस्या हर किसी के समक्ष उपस्थित हो गई है़. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा मुद्रा लोन के तहत लिए गए एक लाख रुपए तक के कर्जधारकों का कर्ज माफ किया जाए, ऐसी मांग कर्ज धारकों द्वारा होने लगी है़. उल्लेखनीय है कि केंद्र की सत्ता पर काबिज सरकार व प्रधानमंत्री की पहल से मुद्रा योजना को अमल में लाया गया था. 

    मुद्रा लोन योजना का कर्ज माफ करें

    इस योजना को अमल में लाने का मुख्य दायित्त्व यह था कि उक्त योजना के अंतर्गत मध्यम वर्ग व बेरोजगारों को व्यवसाय के लिए एक विकल्प मिले और सरकार की उक्त मंशा पूरी भी होती नजर आई. हजारों की तादाद में कर्ज धारकों ने राष्ट्रीयकृत बैंकों में आवेदन कर कर्ज भी लिए लेकिन सही रास्ते पर चलने वाली लोन धारकों की गाडिको ब्रेक कोरोना काल ने लगाने का कार्य किया. हजारों लोन धारकों का कर्ज पर लिया गया पैसा व पैसों से व्यवसाय के लिए ली गई विविध सामग्री घर खर्च चलाने में बर्बाद हो गई.

    अब इन लोन धारकों को यह फिक्र सताने लगी है कि कर्ज कहां और कैसे चुकता करें. सरकार ने जिस तरह सें किसानों का कर्ज माफ किया है इसी तर्ज पर मुद्रा लोन का एक लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने की मांग होने लगी है़. ग्रामीण इलाकों में भी कर्ज धारकों की संख्या अधिक है़  अगले तीन माह में यदि एक लाख रु. तक का लिया गया मुद्रा लोन योजना का कर्ज माफ ना किया गया तो प्रधानमंत्री के नाम से कर्ज माफी के लिए एक निवेदन प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजा जाएगा.

    वर्ष 2021 में लगे लाक डाउन ने कर्ज धारकों को किया बर्बाद

    वर्ष 2021 में राज्य सरकार द्वारा बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के मामलों की गंभीरता से दखल लेते हुए राज्य में डेढ माह तक संपूर्ण लाक डाउन लगाया गया था. इस दौरान भी व्यवसाय ठप हुए और इस का सीधा असर लोन लेकर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों पर पड़ा है. जिस वजह से और भी ज्यादा बर्बादी की कगार पर लोन धारक पहुंच गए हैं. अब कर्ज कैसे चुकता करें यह प्रश्न भी उपस्थित होने लगा है़.