The movement of zip and puns by-election intensified, all party leaders increased public relations

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    आसेगांव. आगामी दिनों में होने जा रहे जिला परिषद व पंचायत समिति के उप चुनाव में जीत को लेकर नामांकन पत्र भरनेवाले उम्मीदवार अब जनता के संपर्क बढ़ाकर चुनावी वादे करने लगे है. वर्तमान में जिस तरह की स्थिति बनी हुई है़  उससे एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में रौनक बढ़ गई. राजनेताओं समेत उम्मीदवारों का आवागमन ग्रामीण क्षेत्रों में होने से चुनावी सरगर्मियां मतदाताओं के सिर पर चढ़कर बोलने लगी है़  गांव में चुनावी चर्चा ने जोर पकड़ना शुरू हुआ है़  

    ओबीसी आरक्षण को लेकर रद्द हुए जिप व पंस की कुछ सीटों के लिए उप चुनाव 5 अक्टूबर को होने वाले है. जिस के लिए उम्मीदवारों ने बीते दो माह पूर्व के चुनावी समीकरण के दौरान ही नामांकन पर्चे भरे है़  अब इस चुनाव में विजय हासिल करने के लिए गणीत लगाए जा रहे है़  चुनाव जितने के बाद हर किसी के समस्या का निवारण करना हमारी पहली प्रथमिकता होंगी. ऐसे लुभावने वादे कर अनेक उम्मीदवार जनता से सीधे संपर्क साधे हुए है.

    आसेगांव सर्कल की सनगांव पंस के लिए उप चुनाव के साथ ही जिला परिषद की सीट के लिए भी उप चुनाव होने है. इस सर्कल से जिले के दिग्गज राजनेता व राकांपा जिला अध्यक्ष चंद्रकांत ठाकरे चुनावी मैदान में उतरे हुए है. वहीं जिप के लिए अन्य दलों समेत गत 2013 के चुनाव में दूसरे क्रमांक पर रहने वाले सुभाष राठौड़ भी चुनाव के लिए नामांकन पर्चे को भरकर चुनावी मैदान में उतरे हुए है़  संपूर्ण जिले की नजर केवल आसेगांव सर्कल के लिए होने वाले उप चुनाव पर ही टिकी हुई है.

    जित के लिए विविध दल के राजनेता अब यहा कोई कसर छोड़ने को तैयार नहीं है. लेकिन राजनीति के जातीय समीकरण को देखा जाएं तो कुछ हद्द तक चुनावी समीकरण बदल भी सकता है़  आगामी चुनाव को लेकर उम्मीदवार तो उत्सुक है ही किंतु मतदाताओं में भी उत्साह दिखाई देने लगा है.

    इस सर्कल से एक महिला उम्मीदवार भी जिला परिषद के चुनावी मैदान में उतरी हुई है. आगामी कुछ दिनों के भीतर ही नामांकन विड्रॉल की तिथि है़  जिस के बाद चुनावी चित्र स्पष्ट हो जाएगा़ इस चुनाव में कौन बाजी जितेगा यह तो चुनाव के बाद ही सामने आएगा.