केंद्रीय दल ने किया वाशिम, रिसोड तहसील में निरीक्षण

वाशिम. जिले में अक्टूबर माह में हुई बैमौसम बारिश के कारण खरीफ फसल का बड़े प्रमाण में नुकसान हुआ था़ केंद्र सरकार ने इस नुकसान के निरीक्षण के लिए एक केंद्रीय दल गठित किया था़ इस दल ने केंद्रीय कृषि

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वाशिम. जिले में अक्टूबर माह में हुई बैमौसम बारिश के कारण खरीफ फसल का बड़े प्रमाण में नुकसान हुआ था़ केंद्र सरकार ने इस नुकसान के निरीक्षण के लिए एक केंद्रीय दल गठित किया था़ इस दल ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अंर्तगत आने वाले कपास विकास संचनालय के कृषि व किसान कल्याण विभाग के संचालक डा़ आर.पी़ सिंह के नेतृत्व में रविवार को जिले के नुकसानग्रस्त खेतों का निरीक्षण करने के साथ ही किसानों से इस संदर्भ में चर्चा की़

इस अवसर पर केंद्रीय दल के साथ ही जिलाधिकारी ह्षीकेश मोडक,अमरावती विभाग के कृषि सहसंचालक सुभाष नागरे, निवासी उपजिलधिकारी शैलेश हिंगे, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी शंकर तोटावार,रिसोड के तहसीलदार अजित शेलार, वाशिम के तहसीलदार विजय सालवे, तहसील कृषि अधिकारी अभिजीत देवगिरीकर आदि उपस्थित थे़ डा़ सिंह के नेतृत्व वाले केंद्रीय दल ने रिसोड तहसील के माहागांव में किसान माधव गायकवाड के नुकसानग्रस्त खेत का निरीक्षण करने के साथ ही फसल नुकसान की जानकारी प्राप्त की़ किसान गायकवाड ने 3 हेक्टयर में सोयाबीन की बुआई की थी़.

जिस में से अधिकतर सोयाबीन का नुकसान वापस की बारिश से होने की जानकारी उसने दल को दी़ उसने यह भी बताया कि, अब बचा हुआ जो भी सोयाबीन होगा वह भी 1800 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम भाव में बिकेगा़ इसी प्रकार से तुअर फसल का भी नुकसान हुआ है़ माहागांव परिसर के खेतों में करीब 642 हेक्टयर पर सोयाबीन की बुआई की गई थी़ जिसमें से करीब 90 प्रतिशत क्षेत्र में सोयाबीन का नुकसान हुआ है़ इसी प्रकार से पैनगंगा नदी में आई बाढ़ के कारण ग्राम बालखेड में किसान रमेश भारती के खेत में खड़ी फसल बर्बाद हुई है़ इस खेत का भी केंद्रीय दल ने निरीक्षण किया़ किसान रमेश भारती ने बताया कि,नदी के पास उसने 3 हेक्टयर में सोयाबीन व तुअर की बुआई की थी़ इसका पूरा नुकसान होने के साथ ही उत्पादन में भी कमी हुई.

खेतों में सुधार करने लगेगा 5 साल
पिछले वर्ष प्रति एकड 7 से 8 क्विंटल तुअर का उत्पादन हुआ था़ लेकिन इस वर्ष पानी के कारण जमीन की मिट्टी बह गई़ और उसे सुधारने में करीब 5 वर्षो का समय लगेगा़ केंद्रीय दल ने वाशिम तहसील की ग्राम नागठाणा में किसान रामप्रसाद चव्हाण के खेत में जाकर हुए नुकसान का निरीक्षण किया़ बारिश होने के पूर्व सोयाबीन की कटाई की थी़ अचानक मौसम में बदलाव आया. बारिश होने से सोयाबीन गीला हो गया. इसी प्रकार से तुअर फसल का भी नुकसान हुआ है़ चव्हाण ने बताया कि, इस वर्ष 70 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ है़ .

अधिक बारिश होने से तुअर फसल भी जल गई़ उसने बताया कि, यहां 20 दिन तक एक फुट पानी भरा हुआ रहा था़ ग्राम वांगी में भी किसान रामेश्वर चांडक का निरीक्षण दल ने किया़ यहां पर किसान चांडक को काफी नुकसान हुआ़ अधिक पानी के कारण तुअर और सोयाबीन फसल बर्बाद हुई़ दल के प्रमुख सिंह ने नुकसानग्रस्त खेत का निरीक्षण करने के बाद प्रभावित किसानों से विस्तृत चर्चा की़ इस अवसर पर जिलाधिकारी ह्षीकेश मोडक ने जिला जिले में अक्टूबर महिने में हुई बेमौसम बारिश के कारण हुए फसल नुकसान की जानकारी केंद्रीय दल को दी़ इस अवसर पर फसल नुकसान के पंचनामा करके इस की जानकारी राज्य शासन को भेजने का आश्वासन दिया़