ठाकरे सरकार ने शिक्षकों के पुरस्कार रोके, विधायक राजेंद्र पाटणी का आरोप

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    वाशिम. शाला प्रवेश से नतिजों तक की प्रक्रिया से शिक्षा को खेल समझनेवाले ठाकरे सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षक दिन पर शिक्षकों को पुरस्कार देने की प्रथा बंद करके शिक्षकों की उपेक्षा की है़  दो वर्ष से राज्य शिक्षक पुरस्कार बंद किया है. जिससे शिक्षक पुरस्कारों की प्रथा फिर से शुरू करने की मांग भाजपा के जिलाध्यक्ष विधायक राजेंद्र पाटणी ने की है. 

    राज्य सरकार की ओर से शिक्षकों को 5 सितंबर को आदर्श शिक्षक पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है. यह प्रथा ठाकरे सरकार सत्ता में आने के बाद बंद की गई है. केंद्र सरकार के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए शिक्षकों से आवेदन पत्र आमंत्रित करके राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों का वितरण समारोह में संपन्न करनेवाले ठाकरे सरकार को राज्य के पुरस्कार बंद करते हुए शोक महसूस नहीं हुई. यह आरोप विधायक पाटणी ने किया.

    राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों का सम्मान होते समय शिक्षकों को आदर्श शिक्षक पुरस्कार से वंचित रखकर राज्य सरकार ने अपनी शिक्षा विरोधी नीति उजागर की है. पिछले वर्ष आदर्श शिक्षक पुरस्कार नहीं दिए गए, इस वर्ष इस संदर्भ में किसी प्रकार का परिपत्र भी जारी नहीं किए. शिक्षकों ने बार बार मांग करके सरकार की ओर से चयन समिति अथवा चयन प्रक्रिया घोषित नहीं की है. गत वर्ष पुरस्कारों का चयन नहीं करने से आदर्श शिक्षक पुरस्कार व लाभ से वंचित रहे है.

    उनका चयन करना व इस वर्ष के पुरस्कार शीघ्र घोषित करके शिक्षा क्षेत्र का अपमान रोकने की मांग भी की गई है. पुरस्कार घोषित नहीं होने से पुरस्कार विजेता शिक्षकों को दी जानेवाली दो वेतन वृध्दि का मुद्या भी सरकार ने प्रलंबित रखा है़  किसी भी प्रकार का कारण नहीं देते हुए शिक्षकों की उपेक्षा करनेवाले सरकार के शिक्षा विरोधी नीति से शिक्षण क्षेत्रों की स्थिति चिंताजनक बन गई है़    

    शिक्षकों की समस्या सरकार उदासीन 

    शिक्षकों की विविध समस्या व शिकायतें सरकार दरबार में प्रलंबित है. वेतन वृध्दि मुद्दा प्रशिक्षण की शर्त डालकर प्रलंबित रखा है़  फडणवीस सरकार ने प्रशिक्षण की शर्त रद्द करके सरकारी परिपत्र जारी करने के बाद ठाकरे सरकार इस शर्त को लेकर रुके हुए है. बिना अनुदानित शालाओं के हजारों शिक्षक अनेक महीनों से वेतन से वंचित है.

    निवृत्त शिक्षकों को निवृत्ति के बाद कितने महीनों तक निवृत्ति वेतन का लाभ व अन्य देय लाभ भी नहीं मिलने से निवृत्त शिक्षकों को परेशानी हो रही है़  सरकार की इस भूमिका से राज्य के करीब 40,000 शिक्षक वेतन वृध्दि से वंचित है.