वाशिम. 5 अक्टूबर को होनेवाले जिला परिषद के 14 गट व इसके अंतर्गत आनेवाले 27 गणों के सदस्यों के लिए उप चुनाव हो रहे है़ मतदान के लिए अब 12 दिनों का समय शेष रहने से सभी दलों के नेताओं ने अपने दल के सदस्य चुनकर आने के लिए जनसंपर्क बढ़ाकर फिल्डिंग लगाना शुरू किया है. इसमें विविध मुख्य दलों के अध्यक्षों ने परिश्रम करना शुरू किया है़ जिससे जिप व पंस उप चुनाव की सरगर्मीया तेज हो गई है.
जिला परिषद व पंचायत समिति के उप चुनाव में जीत को लेकर नामांकन पत्र भरनेवाले उम्मीदवार अब चुनावी वादे करने लगे है. ओबीसी आरक्षण को लेकर रद्द हुए जिला परिषद व पंचायत समिति के सीटों के लिए उप चुनाव आगामी 5 अक्टूबर को होने वाले है़ इसके लिए उम्मीदवारों ने दो माह पूर्व के चुनावी नामांकन पर्चे भरे है़ और अब इस चुनाव में विजय हासिल करने के लिए फिल्डिंग लगाए जा रहे है़ इस दौरान मतदाताओं को लुभावने वादे भी किए जा रहे है़.
जिला परिषद के 52 गट व जिले के 6 पंचायत समिति के 104 गणों के लिए गत 7 जनवरी 2020 को चुनाव हुए थे़ स्थानीय स्वराज्य संस्था में 50 प्रश से अधिक आरक्षण होने से ओबीसी प्रवर्ग सदस्यों ने ओबीसी प्रवर्ग के सदस्यों की पदे रद्द करके उप चुनाव लेने का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने दिया था़ इसके अनुसार जिले के जिप के 14 गट व इस के अंतर्गत आनेवाले 27 गणों के सीटों के लिए उप चुनाव हो रहे है़.
पिछले चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पक्ष पहले क्रमांक पर रहा था तो दूसरे क्रमांक पर कांग्रेस रही थी़ अब इस उप चुनाव में कौनसे दल को कितने सीटे मिलती है़ इस पर जिप की सत्ता किस की ओर रहेगी इसका भी अनुमान लगाया जा रहा है. सभी दलों ने अपने दल के अधिक से अधिक सदस्य चुनकर लाने के लिए चुनावी कार्य शुरू किए है. जिस दल के अधिक सदस्य रहेंगे. इस पर ही जिप अध्यक्ष पद निर्भर रहेगा.
भाजपा, शिवसेना की रणनीति पर ध्यान
ओबीसी आरक्षण से जिला परिषद में भाजपा के दो व शिवसेना का एक सदस्य कम हो गया है़ यह दो सीटों के साथ ही अन्य स्थानों पर भी भाजपा के सदस्य चुनकर लाने के लिए भाजपा व्दारा फिल्डिंग लगाना शुरू हुआ है़ इसी प्रकार से शिवसेना के एक सीट कम होने से वही पर ही अपना सदस्य चुनकर लाने के साथ अन्य स्थानों पर शिवसेना का सदस्य चुनकर लाने के लिए शिवसेना पदाधिकारियों ने ग्रामीणों में अपना संपर्क अभियान जोरदार रुप से शुरू किया है़
आसेगांव उप चुनाव में लगा सभी का ध्यान
गत चुनाव में आसेगांव गट से राष्ट्रवादी कांग्रेस के चंद्रकांत ठाकरे चुनकर आए थे व जिला परिषद के अध्यक्ष बने थे़ लेकिन आरक्षण की संख्या अधिक होने से उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी. अब इस उप चुनाव में वे फिर से चुनाव मैदान में उतरे है़ उनके साथ अन्य दलों के उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे है़.
इसलिए चंद्रकांत ठाकरे का इस चुनाव में विजय प्राप्त करना उनके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है़ उनके बढ़ते जनसंपर्क से व अन्य दल के नेता यहा जीत के लिए कोई कसर नहीं छोडेंगे. ऐसे में अब इस आसेगांव चुनाव में किस के गले में विजय माला पड़ेगी. इस पर सभी का ध्यान लगा हुआ है़ इस दौरान राजनीति के जातीय समीकरण को देखा जाए तो कुछ हद्द तक चुनावी समीकरण बदलने की संभावना भी नजर आ रही है़.