Shinde vs Uddhav

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    महाराष्ट्र: महाराष्ट्र (Maharashtra) की जनता जानती है आखिर किस तरह राज्य दो राजनीतिक गुटों में बट गया है। जहां उद्धव ठकरे का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे ने भाजपा से हाथ मिला लिया है वही आज भी शिवसेना को लेकर शिंदे ग्रुप और ठाकरे ग्रुप में विवाद जारी है। बता दें कि आज का दिन इन दोनों गुटों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जी हां आज दोनों गुट धनुष चिन्ह और पार्टी के नाम को लेकर चुनाव आयोग को लिखित बयान भेजेंगे। ऐसे में अब बता दें कि ठाकरे गुट की ओर से चुनाव आयोग को एक मेल भेजा जाएगा। आइए जानते है पूरी जानकारी… 

    दोनों गुटों के लिए महत्वपूर्ण दिन 

    मिली जानकारी के मुताबिक, शिंदे गुट चुनाव आयोग को लिखित बयान भेजने को लेकर विशेषज्ञ वकीलों से भी चर्चा कर रहा है। शिंदे गुट भी आज चुनाव आयोग के समक्ष लिखित रूप में अपना बयान पेश करने वाला है। चुनाव आयोग ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने का फैसला किया था क्योंकि शिंदे समूह ने धनुष और तीर के निशान और पार्टी के नाम का दावा किया था। अब इसकी सुनवाई चुनाव आयोग में हो रही है। अब फाइनल रिजल्ट जल्द आने की संभावना है। ऐसे में पुरे महाराष्ट्र के जनता की नजरें इस फैसले पर टिकी है। 

    फैसले को लेकर ये है दो संभावनाएं

    इस बीच पार्टी के सिंबल के (चुनाव चिन्ह) फैसले को लेकर दो संभावनाएं जताई जा रही हैं। एक तो यह कि दोनों गुटों के आज चुनाव आयोग को लिखित रूप में अपना बयान सौंपने के बाद धनुषबाण को लेकर फैसला लिया जा सकता है। या चुनाव आयोग चुनाव चिन्ह पर अपना फैसला सुरक्षित रख सकता है। लिहाजा ठाकरे और शिंदे गुट के साथ-साथ राज्य के लिए भी आज का दिन अहम है। 

    दोनों पक्षों की ओर से दावा

    शिवसेना से एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना में एक गुट बन गया। पार्टी के कई विधायकों ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया, शिवसेना में शिंदे गुट और ठाकरे गुट नाम से दो गुट उभरे। उसके बाद शिंदे समूह ने धनुष और तीर के निशान पर यह कहते हुए दावा किया कि हम असली शिवसेना हैं क्योंकि हमें पार्टी में अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त है। दूसरी ओर, ठाकरे समूह ने प्रतीक को मूल शिवसेना के रूप में दावा किया। इसलिए चुनाव आयोग ने धनुष और तीर के निशान और पार्टी के नाम पर रोक लगा दी है। अब चुनाव आयोग के समक्ष सुनवाई चल रही है।