In Maharashtra, 65 people died in just 9 months in wild animal attacks, 23 tigers died in 6 months, the state government said
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    बाघों के मवेशीयों पर हमले की घटना के बाद सतर्कता वनविभाग बरत रहा है सतर्कता

    यवतमाल. वणी तहसील के रासा ईलाके में बिते अनेक महिनों से 2 बाघों का मुक्त संचार है, जिससे ईलाके के नागरिक, किसान और खेतीहर मजदूरों को वनविभाग ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए है.

    उल्लेखनिय है की, हाल ही मे रासा क्षेत्र में बाघ ने मवेशी पर हमला करने की घटनाएं बढी है. इससे पहले भी वणी के विभीन्न ईलाकों के गांवों से निकट क्षेत्रों के जंगलों में बाघ के हमले में मवेशी मृत हुए, इन घटनाओं के बाद रासा क्षेत्र में 2 बाघों का संचार होने की जानकारी की वनविभाग ने  निरिक्षण के बाद पृष्टी की है.

    गुरुवार 25 नवंबर को तहसील के रासा शिवार में मवेशीपालक राजु बल्की के गाय पर हमला कर उसे मार डाला, बताया जाता है की रासा जंगल में चरवाहा मवेशीयों को चराने ले गया था, तभी वहां पर झाडीयों में दबिश देकर बैठे बाघ ने मवेशीयों के झुंड पर हमला बोलकर एक मवेशी का शिकार कर लिया. जिससे खेती करनेवाले किसानों, मजदुरों और चरवाहों में डर व्याप्त है.

    उल्लेखनिय है की इस ईलाके में सुकनेगांव, मारेगांव कोरंबी शिवार में भी दो माह पुर्व बाघ का संचार था, 19 नवंबर को इसी ईलाके में बाघ ने बकरीयों के झुंड पर हमला कर एक बकरी को मारा था,इसके पुर्व भी बाघ ने बैल पर हमला कर उसे घायल कर दिया था. इन घटनाओं की पृष्ठभूमी पर वरिष्ठ वनाधिकारीयों के निर्देश पर ईस ईलाके में बाघों के संचार और उनपर नियंत्रण के लिए रेंज के अधिकारीयों और कर्मचारीयों को उचित सतर्कता और कारवाई के निर्देश दिए गए थे.

    इसी बीच वनविभाग द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक, परोक्त ईलाकों में 2 बाघ संचार कर रहे है, इसमें एक वेकोली जबकी दुसरा रासा शिवार में घुम रहा है, वनविभाग के मुताबिक दोनो बाघ ताडोबा अभ्यारण्य के है, जो जंगलों से दुरी तय कर इस ईलाके में पहूंचे है.

    टिपेश्वर और ताडोबा अभ्यारण्य का केंद्रबिंदु झरी जामणी तहसील का मुकुटबन ईलाका है.रासा में बाघ के हमले की घटना के एक दिन पहले केलापुर क्षेत्र में टिपेश्वर अभ्यारण्य के ईलाके में भी बाघ के मवेशी पर हमले की घटना हुई है.वणी का रासा,झरी जामणी और केलापुर क्षेत्र का टिपेश्वर अभ्यारण्य का ईलाका एक दुसरे से सटा हुआ है.

    वनविभाग के सुत्रों के मुताबिक, नर और मादी बाघ का संचार 25 किलोमिटर के दायरे में होता है.जबकी नर और मादा बाघ साथ होने के बावजुद इससे अधिक बाघ होने पर बाघों का युगल एक दुसरे के ईलाके में प्रवेश नही करता है. इन सभी बातों को ध्यान में लेकर वनविभाग ने इन ईलाकों के जंगलों में बाघों की हलचलों पर ध्यान रखने कैमरे लगाए हुए है.