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    • डीसी ने कहा आरोप निराधार

    यवतमाल. एसटी कर्मचारीयों द्वारा रापनि को सरकार में विलीनीकरण की मांग को लेकर लगातार जारी हडताल के बाद रापनि प्रशासन और सरकार ने हडताल समाप्त करने की दिशा में विभीन्न उपाय शुरु कर दिए है.

    इसी बीच आज 29 नवंबर को यवतमाल बसस्थानक डिपो से विभागीय नियंत्रण कार्यालय द्वारा 4 बसों की फेरीयां छोडी, लेकिन बसों को छोडने के बाद हडताली एसटी बसचालक, कंडक्टर, यांत्रीकी कर्मचारीयों में रोष दिखाई दिया.विलीनीकरण की मांग को लेकर हडताल कर रहे कर्मचारीयों नें इसे विभागीय नियंत्रक और प्रशासन की एसटी हडताल के खिलाफ साजीश करार देते हुए जब तक मांगे पुरी नही होती तब तक हडताल पर अडीग रहने की भुमिका ली.

    साथ ही आज यवतमाल डिपो से ठेका प्रणाली पर चालक लगाकर बसें छोडने का हडताली कर्मचारीयों ने विरोध जताया.बता दें की सरकार से हुई चर्चा के बाद परिवहन मंत्री ने विभीन्न श्रेणी के एसटी कर्मचारीयों के मुल वेतन में 41 फिसदी बढोत्तरी की घोषणा की, लेकिन जब तक विलीनीकरण नही होता तब तक हडताल वापस न लेने की घोषणा एसटी श्रमिक कृषी संघर्ष समिती की ने की है.

    जिससे बिते  अक्तुबर माह से जारी यवतमाल में एसटी कर्मीयों की हडताल आज 29 नवंबर को भी जारी रही.लेकिन विभागीय नियंत्रण कार्यालय द्वारा बसों की फेरीयां छोडने के लिए ठेका प्रणाली पर चालकों को नियुक्त करने से अब यह आंदोलन क्या रुख लेता है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.

    रापनि कर्मीयों की हडताल के बीच आज 29 नवंबर की दोपहर यवतमाल डिपो से 4 एसटी बसों की फेरीयां छोडी गयी, धामणगांव, रालेगांव, घाटंजी, आर्णी मार्ग पर यह एसटी बसें दौडी, लगभग 21 दिनों के बाद एसटी बसें यात्रीयों के लिए शुरु करने का चित्र दिखा, लेकिन हडताल जारी रहते हुए भी एसटी बसें रास्ते पर दिखने से आम नागरिकों और हडताली कर्मीयों में भी हैरानी रही.

    आज दोपहर बारह बजे के दौरान यवतमाल के नए बस डिपो से बस फेरीयां शुरु हुई, इस डिपो से 4 बसें छोडी गयी थी, लेकिन यात्रीयों की संख्या और अन्य मुददो  पर रापनि प्रशासन ने आज शाम तक कोई जानकारी उपलब्ध नही की थी.

    विभागीय नियंत्रक पर हडताल समाप्त करने की साजीश का आरोप

    हडतालीयों का दावा, यात्री बनें क्लर्क और नियंत्रक कार्यालय के कर्मचारी

    इसी बीच बसे छोडने से रोष में हडताली कर्मीयों ने इसे विभागीय नियंत्रक की साजीश करार दिया. यवतमाल डिपो समेत जिले के सभी डिपों में हडताल शुरु होने के बीच यह बसें शुरु होने के बाद आंदोलनकारी कर्मीयों की ओर से विडीओ वायरल किया गया, जिसमें बसें छोडने और हडताल को समाप्त करने की इस कारवाई को विभागीय नियंत्रक की साजीश करार दिया गया.

    इस दौरान हडताली कर्मीयों ने बताया की, यवतमाल डिपो पर कोई भी चालक, वाहक या यांत्रीकी कर्मी काम पर नही लौटे है, डिवीजनल कंट्रोलर ने कुछ चालकों को ठेके पर लगाया है,आज जो बसें छोडी गयी, उसमें दिखावे के लिए विभागीय नियंत्रक कार्यालय के क्लर्क और इसके स्टॉफ के कर्मचारी यात्रीयों के तौर पर बैठे थे, इसके जरीए हडताल में दरार पैदा करने का षडयंत्र और संभ्रम निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है, एैसा आरोप हडताली कर्मीयों ने लगाया.

    उल्लेखनिय है की यवतमाल विभाग में 9 डिपों में हर दिन 2202 बसों की फेरीयां मंजुर होने से इन बसों कों यात्री सेवा के लिए छोडी जाता है, लॉकडाऊन के दौरान बस सेवा पुरी तरह बंद होने से रापनि को बडे पैमाने पर नुकसान उठाना पडा, इसके बाद जैसे तैसे एसटी फेरीयां शुरु हुई थी.

    लेकिन कोविड त्रिसुत्री नियमों के कारण मंजुर एसटी बसों की फेरीयों में कमी आयी थी.इसी बीच हडताल से पहले रापनि यवतमाल विभाग को हर दिन 32 लाख रुपयों की आय होती थी, लेकिन बिते एक माह से हडताल के कारण बसफेरीयां बंद पड जाने से रापनि को अब तक करोडों रुपयों का नुकसान उठाना पडा है.

    आज ठेका प्रणाली पर चालक, वाहक लगाकर बसों की 4 फेरीयां छोडी गयी थी, इस दौरान रापनि के 2 चालक और 2 कंडक्टरों ने भी अपनी सेवा दी.सरकार और परिवहन मंत्री द्वारा हडतालीयों की मांग पर विचार कर सकारात्मक निर्णय लेने की प्रक्रिया जारी है.आरोप लगाना हडतालीयों का लोकतांत्रिक अधिकार है,हडताल समाप्त करने की साजीश किस आधार पर लगा रहे है, यह उनसे ही पुछिए. श्रीनिवास जोशी विभागीय नियंत्रक,रापनि. यवतमाल