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    • ओबीसी आरक्षण पर भाजपा का जिले में हुआ आंदोलन

    यवतमाल. जिले में आज 15 सितंबर को भाजपा द्वारा ओबीसी आरक्षण के मुददे पर राज्य सरकार को घेरते हुए तीव्र आंदोलन कीया गया.भाजपा शिर्ष नेतृत्व के आह्वान पर यवतमाल भाजपा द्वारा जिलाध्यक्ष नितिन भुतडा के नेतृत्व में आंदोलन कीया गया, ओबीसी आरक्षण पर राज्य सरकार की नकारात्मक भुमिका के खिलाफ यह आंदोलन कीया गया, एैसी जानकारी जिलाध्यक्ष भुतडा ने आंदोलन के दौरान दी.

    भुतडा और विधायक नामदेव ससाणे के नेतृत्व में उमरखेड में भाजपा द्वारा आंदोलन कीया गया, जबकी यवतमाल में आयोजित आंदोलन में बडे पैमाने पर भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल हुए. दोपहर में स्थानिय जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में भाजपा द्वारा ओबीसी के सम्मान में भाजपा मैदान में शिर्षक से ओबीसी के मुददे पर आंदोलन कीया गया.

    इसमें भाजपा जिला महामंत्री राजु पडगिलवार, शहर अध्यक्ष प्रशांत पाटील यादव,ओबीसी आघाडी के जिलाध्यक्ष सुनिल समदुरकर,भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुनिल समदूरकर, अमोल ढोणे, महिला आघाडी की जिलाध्यक्षा माया शेरे, प्रदेश सदस्य रेखा कोठेकर, अशोक खडसे, समेत अनेक कार्यकर्ता शामिल हुए.इस दौरान राज्य सरकार पर ओबीसी आरक्षण पर नकारात्मक भुमिका होने का आरोप लगाते हुए जोरदार नारेबाजी कर भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध प्रकट कीया.

    आंदोलन के दौरान जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कहा गया की, बिते छह माह से आघाडी सरकार ओबीसी समाज के राजनिती आरक्षण पर टालमटौल कर रही है. ओबीसी वर्ग का ईम्पीरियल डाटा ईकटटा करने के तात्काल कारवाई शुरु करने भाजपा के शिर्ष नेतृत्व ने राज्य सरकार से मांग की गयी है.

    लेकिन सरकार इसमें टालमटौल कर रही है,लेकिन सरकार कोई हलचल नही कर रही है.साथ ही इस डाटा को ईकठठा करने इसके लिए लिए गठीत पिछडावर्गीय आयोग को सरकार ने निधि नही दिया है, इस लापरवाही का ओबीसी आरक्षण समेत स्थानिय स्वराज संस्थाओं के चुनावों पर असर पडा है.

    अगले वर्ष होनेवाले महानगरपालिका, जिप.पालिका चुनावों में ओबीसी समाज को आरक्षण न देकर ही सरकार को यह चुनाव लेने है, इसी के कारण राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायायल में ओबीसी आरक्षण पर प्रभावी पक्ष रखने वकील नियुक्त नही कीया है,एैसा आरोप लगाते हुए भाजपा ने इस आंदोलन के जरीए महाविकास आघ्ज्ञाडी सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण टिकाए रखने उपाययोजना तात्काल बनाएं एैसी मांग जिलाधिकारी के जरीए मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भेजे गए ज्ञापन के जरीए की गयी है.