हड़ताल से जिले में हर दिन 900 एसटी फेरीयां रदद

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    यवतमाल. यवतमाल जिले में राज्य परिवहन निगम के कर्मचारीयों द्वारा अपनी मांगों को लेकर हडताल तेज कर दी गयी है. इस हडताल के कारण जिले में हर दिन 900 से अधिक एसटी बसफेरीया रदद किए जाने से महामंडल को हर दिन लाखों रुपयों का नुकसान सहना पड रहा है.

    बिते 27 अक्तुबर से राज्यस्तर पर जारी इस बेमियादी हडताल के दौरान एसटी कर्मचारी सरकारी विभाग की तर्ज पर एसटी महामंडल का विलीनीकरण करने, उन्हे सरकारी वेतन लागु करने, एसटी श्रमिक करार पर अमल करने समेत विभीन्न आर्थिक मुददों को लेकर श्रमिकों ने अपनी मांग सरकार और महामंडल प्रशासन के सामने रखी है. जिसपर अब भी हल नही निकल पाया है. दिपावली के बाद एसटी श्रमिकों ने हडताल तेज कर दी.

    जो कर्मचारी दिपावली से पहले काम पर लौटे थे, वें फिर से हडताल में शामिल हो गए.रापनि के बसचालक, श्रमिक कर्मचारी मिलाकर 95 फिसदी कर्मचारी शामिल होने से हडताल तेज हो गयी,काम पर कर्मचारी न होने से यवतमाल जिले में सभी स्थानकों से एसटी फेरीयां 95 फिसदी बंद है.इसी बीच विभीन्न राजनितीक दलों ने भी एसटी कर्मीयों की हडताल को समर्थन दर्शाते हुए सरकार से एमएसआरटीसी को सरकारी विभाग में विलीन कर कर्मचारीयों के आर्थिक मुददों को तात्काल हल करने की मांग जारी रखी है.इसे सामाजिक संगठन भी सहयोग कर रहे है

    आज 9 नवंबर को भी एसटी कर्मचारी हडताल पर होने से यवतमाल समेत सभी किसी भी डिपों में बसें नही छुट पायी.हालांकी कुछ डिपों में एक या दो बसफेरीयां हुई.लेकिन जिले मे रापनि की लंबे, मध्यम और कम अंतर वाली सभी एसटी फेरीयां और निगम की यात्री सेवा कुल मिलाकर ठप्प पडी हुई है.

    यवतमाल डिपो समेत सभी 16 तहसीलों में एसटी फेरीयां बंद होने से सभी बसस्थानकों पर विरानी छायी हुई है तो दुसरी ओर यात्रीयों को एसटी कर्मीयों की हडताल का खामियाजा भुगतना पड रहा है. इसके चलते निजी ट्रैव्हल बसों और यात्री वाहनों में यात्रीयों की भारी भीड बढ चुकी है.लेकिन हडताल से महामंडल को नुकसान उठाना पड रहा है.