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    • जिले में स्ट्रीट लाइट का 530 करोड़ का बिजली बिल बकाया

    यवतमाल.   विजबिल रिकवरी अभियान अब जोरों पर है. फिर भी जिले में 2,637 स्ट्रीट लाइटों का बिजली बिल 485 करोड़ रुपये तक था. इनमें से करीब 975 स्ट्रीट लाइटें काट दी गईं. फिर भी, स्ट्रीट लाइट और पानी की आपूर्ति के लिए 530 करोड़ रुपये का बिजली बिल रुका हुआ है. अब सवाल यह है कि क्या महावितरण स्ट्रीट लाइन से कनेक्शन काट देगा, जो आम आदमी के खिलाफ लगाम लगाने की कार्रवाई है.

    महावितरण के सामने बिजली बिल वसूली का सिरदर्द जबरदस्त बढ़ गया है. नतीजा यह है कि वसूली के लिए अधिकारी भी सड़कों पर उतर रहे हैं. वर्तमान में, बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वाले आम उपभोक्ताओं से बिजली काटने की योजना है. जिले में कृषि उपभोक्ताओं के अलावा घरेलू, व्यवसायिक, औद्योगिक व अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं का बिजली बिलों में 600 करोड़ रुपये बकाया है.

    बिजली बिलों की वसूली में तेजी लाई गई है और बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वाले ग्राहकों को अंधेरे में जाना पड़ रहा है. जिले में 2 करोड़ 5 हजार 149 घरेलू ग्राहकों पर 68 करोड़ 56 लाख, औद्योगिक श्रेणी के 11 हजार 900 ग्राहक 9 करोड़ 10 लाख, औद्योगिक श्रेणी के 3 हजार 181 ग्राहक 12 करोड़ 26 लाख बकाया हैं.

    इसके अलावा यवतमाल जिले में स्ट्रीट लाइट, जलापूर्ति योजनाओं व अन्य श्रेणी की बिजली का भी 530 करोड़ रुपये बकाया है. जिले में 2,637 बिजली कनेक्शन हैं. कनेक्शन का बकाया 485 करोड़ रुपये है. उस संबंध में, महावितरण ने एक रिकवरी अभियान शुरू किया था. इनमें से पांढरकवड़ा मंडल में 112 स्ट्रीट लाइटें काट दी गईं और 27 करोड़ 77 लाख, पुसद संभाग में 259 ग्राहक 65 करोड़ 16 लाख, जबकि यवतमाल मंडल में 576 ग्राहक 128 करोड़ 80 लाख रुपये बकाया थे. बिजली बिल की वसूली नहीं होने के कारण इन ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति काट दी गई थी. अब सवाल यह है कि क्या महावितरण बचे हुए ग्राहकों से बिजली बिल वसूल करेगी.

    अब अधिकारी भी सड़कों पर : बिजली का बकाया वसूलने के लिए वरिष्ठ स्तर पर दबाव बनाया जा रहा है. नतीजतन, अधिकारियों सहित कर्मचारियों को नियमित रूप से बिजली बिल वसूली अभियान चलाना पड़ता है. अब अधिकारियों के लिए सड़कों पर उतरने का समय आ गया है क्योंकि बकाया दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. इसको लेकर जिले में विभिन्न जगहों पर कार्रवाई की जा रही है.

    बिजली चोरी बंद होनी चाहिए

    वर्तमान में कोयले की कमी के कारण कुछ बिजली संयंत्र बंद होने के कगार पर हैं. ऐसे में बिजली का लोड शेडिंग होने की संभावना है. जिन इलाकों में बिजली चोरी हो रही है. ऐसे स्थानों पर ठोस कार्रवाई करना आवश्यक है. सवाल यह है कि क्या महावितरण इसके लिए विशेष अभियान शुरू करेगी.

    तहसील कनेक्शन                 बकाया

    घाटंजी 222                  52 करोड़ 56 लाख

    मारेगांव 97                  6.96 करोड़

    पांढरकवडा को 134      35 करोड़ 34 लाख

    वणी 161                      62 करोड़ 5 लाख

    झरिजामणि 132          19 करोड़ 49 लाख

    ढानकी 65                    15 करोड़ 11 लाख

    दारव्हा 143                  44 करोड़ 28 लाख

    दिग्रस 129                  26 करोड़ 13 लाख

    महागांव 122              36 करोड़ 30 लाख

    पुसद 286                  41 करोड़ 32 लाख

    उमरखेड 68              11 करोड़ 11 लाख

    आर्णी 147                 25 करोड़ 89 लाख

    बाभुलगांव 130        10 करोड़ 50 लाख

    कलंब 107               12 करोड़ 24 लाख

    नेर 121                    38 करोड़ 47 लाख

    रालेगांव 137            14 करोड़ 74 लाख

    यवतमाल संभाग 436 33 करोड़ 47 लाख