दिवाली पर सभी ट्रेनें हाउसफुल, प्रति दिन 350 आरक्षण

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    यवतमाल. दिवाली पर गांव जाने के लिए हर कोई बेताब रहता है. कोरोना ने कई लोगों को उनके गृहनगर लौटने से रोक दिया. इस साल यह पहला मौका है जब रेल के कोच भरे हुए हैं. जिले में ट्रेन से आने वालों की संख्या ज्यादा है. इसी तरह दिवाली के बाद जाने वालों की संख्या भी बड़ी है. वर्तमान में प्रत्येक ट्रेन में 200 वेटिंग हैं.

    आलम यह है कि नंबर नहीं मिला तो प्राइवेट गाड़ी से जाना पड़ रहा है. यात्रियों की संख्या अधिक होने के बावजूद रेल प्रशासन ने नागरिकों के लिए अतिरिक्त ट्रेनें जारी नहीं की हैं. इससे नागरिकों में भ्रम की स्थिति है. बहुतों को एसटी यात्रा करनी पड़ती है या निजी यात्रा करनी पड़ती है. खासकर इन दोनों जगहों की यात्रा महंगी है. नतीजतन, नागरिकों को ट्रेन यात्रा पर दौड़ देखने को मिल रही है.

    आने वाली सबसे व्यस्त ट्रेनें

    दिवाली पर आने वाली ज्यादातर ट्रेनों में भीड़ हो रही है. आमतौर पर मुंबई-गोंदिया, मुंबई-अमरावती, मुंबई-नागपुर, कोल्हापुर-गोंदिया, सिकंदराबाद-दानापुर ट्रेनों में इस समय सबसे ज्यादा यात्री बुक होते हैं.

    विशेष रेल गाडि से अधिक टिकट

    वर्तमान में चलने वाली ट्रेनें विशेष ट्रेनों के रूप में चल रही हैं. इस टिकट के लिए यात्रियों को अतिरिक्त भुगतान करना होगा. एक विशेष ट्रेन प्रत्येक टिकट में 30 रुपये से 50 रुपये जोड़ती है. इसके अलावा ट्रेन स्टेशन पर प्रवेश के लिए अतिरिक्त दरें हैं.

    वर्तमान में कोई पैसेंजर ट्रेन नहीं है

    लॉकडाउन के बाद से बंद पड़ी पैसेंजर ट्रेन अभी शुरू नहीं हुई है. नागरिकों को उम्मीद थी कि ट्रेन कम से कम दिवाली पर शुरू हो जाएगी. हालांकि कहा जा रहा है कि तत्काल कोई पैसेंजर ट्रेन नहीं है.

    दीपावली की पर्व पर आनेवाली और जानेवाली दोनों के लिए रिजर्वेशन फुल हैं. रोजाना कम से कम 3.5 लाख रुपये की बुकिंग हो रही है. सुबह से ही नागरिकों की कतार लग रही है. हालांकि, अक्सर नेटवर्क जाम होता है.

    – संदीप दुधे, रिजर्वेशन सुपरवाइजर

    ट्रेन से हर साल गांव तक आरक्षण किया जाता है. इस साल रेलवे फुल होने के कारण वह कार से गांव आ रहे हैं. इससे सुरक्षा और सुरक्षित यात्रा होगी. रेलवे के जनरल कोच का इंतजार है.

    दिवाली की पूर्व संध्या पर बड़ी संख्या में ट्रेनों को रवाना होना था. वास्तव में बहुत कम ट्रेनें हैं. नतीजतन, आम नागरिकों बडी मशक्कत का सामना करना पड रहा है. रेल प्रशासन को ध्यान देना चाहिए.

    यात्री