Cotton
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यवतमाल. कॉटन कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) की कपास खरीद में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच यवतमाल में शुरू हो गई है, जो आठ दिनों तक विदर्भ के विविध जिलों में चलेगी. इस बीच सीसीआई के दल ने कई खरीद केंद्रों तथा जिनिंग से रुई के नमूने लिए हैं. गोदामों में रुई गांठों की जांच भी की जा रही है. सीसीआई में हुए कपास खरीद घोटाले के संदर्भ में सीसीआई के मुख्य महाप्रबंधक एस. के. पानीग्रही (मुंबई) को इसकी जांच के आदेश दिए गए. पांच सदस्यों के इस दल ने विदर्भ से  मामले की जांच यवतमाल से प्रारंभ की. उससे पूर्व उन्होंने औरंगाबाद में भी जांच की, एस. के, पानीग्रही ने बताया कि एक सप्ताह तक विदर्भ के जिलों में इसकी जांच चलेगी. यवतमाल के अलावा वर्धा, नागपुर एवं अन्य जगह के केंद्रों पर जांच की जाएगी.

कुछ केंद्रों के रिकॉर्ड कब्जे में लिए गए हैं. उसकी जांच की जा रही है. कुछ क्षेत्रों से रुई की गांठ के सैंपल भी लिए गए हैं.  इसकी जांच मुंबई की सरकारी लैब में की जाएगी. गोदामों में भी निरीक्षण करके वहां रुई की गांठों के वजन की जांच की जाएगी. सीसीआई के जिनिंग-प्रेसिंग में रखे विविध खरीद केंद्रों की जांच की गई है. ग्रेडर्स से भी पूछताछ की गई है. कहीं भी कुछ गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इससे पूर्व गोलमाल होने पर ग्लेडर्स पर कार्रवाई की गई है. उनसे बसूली भी की जा रही है. एक ग्रेडर को सेवामुक्त करने की जानकारी पानीग्रही ने दी. इस समय सीसीआई के अकोला के महाप्रबंधक अजय कुमार उपस्थित थे. मुकुटबन की आग में 30 फीसदी नुकसान झरी तहसील के मुकुटबन में सीसीआई के कपास खरीद केंद्र पर लगी आग की भी जांच की जा रही है. रिकॉर्ड के अनुसार 1500 से 1800 क्विटल कपास केंद्र पर था. पर संपूर्ण कपास नही जला था. बीमा कंपनी से 30 प्रतिशत नुकसान का दावा किया जाएगा. कपास में पत्थर का टुकड़ा आ जाने से मशीन की चिंगारी से आग लगने की बात बताई जा रही है.