आमदरी क्षेत्र में नागरिकों के सहयोग से वनराई बांध का निर्माण

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उमरखेड. स्थानीय नैसर्गिक पर्यावरण संवर्धन मानवता विकास संस्था, उमरखेड द्वारा आमदरी वन क्षेत्र में वनराई बांध बनाए गए. बरसात का मौसम खत्म होने के पश्चात अक्तूबर के पश्चात कुछ बाद तक नालियां, नदियां जिनमें पानी बहता है. वनराइ बांध एक गैर परंपरागत वर्षा के पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सीमेंट, मिट्टी, रेत आदि के खाली थैलों का उपयोग करके बनाया गया एक बांध है, जो पानी के प्रवाह को इस तरह से पारंपरिक तरीके से रोक कर पानी का भंडारण करता है.

इन बांधों को किसी रखरखाव, मरम्मत और मरम्मत की आवश्यकता नहीं होती है. वर्तमान कठिन आर्थिक स्थिति में, चेक डैम के निर्माण में वन बांध बनाने की लागत से बहुत कम खर्च होगा, जो आर्थिक रूप से व्यवहार्य है. वनराई बांधों के निर्माण के लिए ग्रामीण स्तर पर ग्रामीणों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए, एक साइट का चयन किया गया था जिसके लिए पानी के भंडारण को अधिकतम किया जा सकता है.

पिछली भूमिका निम्न-प्रवाह क्षेत्रों का चयन करके बांध को खड़ा करने के समय और लागत को कम करना था और लाभ को अधिकतम करना था. बेशक, यह छोटा बाँध पानी के बहाव को रोकने और ज़मीन में रिसने वाले ठहरा पानी को रोककर भूजल स्तर को भी बढ़ा सकता है. इस पानी का उपयोग जंगल में जानवरों और पक्षियों के साथ-साथ गांव में जानवरों को खिलाने के लिए भी किया जाता है. कुशल जल संसाधन भी बनाए जाते हैं. इस बांध को कम वर्षा वाले क्षेत्रों में वर्षा जल के पूर्ण उपयोग के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस प्रकार के बांध के लिए किसी तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती है.

क्षेत्र में किसान ऐसे जंगल बाँध भी बना सकते हैं जो पानी को नलों या नालों से बहने से बचा सकें. प्राकृतिक पर्यावरण संरक्षण मानवतावादी विकास संगठन के अमरावती मंडल अध्यक्ष, प्रभाकर दिघवार ने एक पोस्टर के साथ पानी और वानराई बांध के महत्व को समझाया, सूखे से जल संरक्षण का अर्थ है सूखे से समृद्धि. प्राकृतिक जल संसाधनों के संरक्षण का उद्देश्य छोटे गांवों में छोटे जलापूर्ति कुओं के तल पर बांधों के निर्माण से कुओं का पानी अधिक समय तक बना रह सकता है.

महाराष्ट्र के पूर्व अध्यक्ष दीपक ठाकरे, अमरावती मंडल अध्यक्ष प्रभाकर दिघेवार, गजानन रासकर, राजेश माने, गजानन वानखेड़े, सहसचिव रामकिशन शिंदे, कमलेश राठौड़, काशीनाथ कुबड़े, रवि चंदले, विजय नागरकर, देवीदास कानडे, मनोज कदम, आमदरी के पुलिस पाटिल रंजीत केशव बहादुर, रामराव विठ्ठल पैकीणे, यशवंत उकंडजी कदम, विकास सिंगणकर, सहदेव शिंगणकर, कैलासराव कोंडुरकर आदि कड़ी मेहनत की.