जिले में पिछले 5 वर्षों से 16 लाख क्षेत्र की फसलें हुई तबाह, 60 लोगों की बहने से हुई मौत

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  • गाज गिर से 59 लोगों ने गंवाई जान     

यवतमाल. बारिश के दिनों में प्रकृति कहर बरपाने का काम करती है. इस दौरान अतिवृष्टि के साथ ही नदियों में आने वाली बाढ़ का सामना भी नागरिकों को करना पड़ता है. इतना ही नहीं तो आसमानी गाज गिरने से भी  लोगों को जान गंवानी पड़ती है. जिले में पिछले 5 वर्षों में प्रकृति ने कहर बरपाते हुए  किसानों के आंखों में आंसू ला दिए हैं.  प्रकृति के कोप के  चलते जिले में  16 लाख क्षेत्र की फसलें चौपट हुई है.   

यहां बता दे कि गर्मी के दिनों के ख़त्म होते ही मानसून आगाज देता हैं. मानसून के आगमन से पहले ही किसान  फसलों की बुवाई करने से पहले खेतों की मशक्कत  का काम तेजी से निपटाते हैं. इसके बाद मानसून  के बारिश दस्तक देते ही बुवाई कार्य शुरू किया जाता है. लेकिन मानसून में  जिले के किसानों को  बर्बादी के मंज़र का सामना करना पड़ा है. बीते 5 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2018 में धात गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी. बाढ़ में बहने से 7 लोगों की मौत, बाढ़ के पानी में 63 छोटे और 89 बड़े जानवर बह जाने से  मौत हो गई थी. इसी तरह 45577.72 हेक्टेयर क्षेत्र के फसल तबाह हुई थी.

साल 2019 में गाज  गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई थी. बाढ़ में बहने से 4  लोगों की मौत हो गई थी. वहीं छोटे 9 और बड़े 28 जानवर बह गए थे. इसी तरह 5 लाख 23 476  हेक्टर क्षेत्र के फसलें तबाह हुई थी. 2020 में गाज  गिरने से 8 लोगों की मौत हो गई थी. बाढ़ में बहने से 14  लोगों की मौत हो गई थी. वहीं छोटे 18 और बड़े 45 जानवर बह गए थे.

इसी तरह 3 लाख 48080.35   हेक्टर क्षेत्र के फसलें तबाह हुई थी. 2021 में गाज  गिरने से 21 लोगों की मौत हो गई थी. बाढ़ में बहने से 16  लोगों की मौत हो गई थी. वहीं छोटे 53 और बड़े 14 जानवर बह गए थे. इसी तरह 2 लाख 34812.99  हेक्टर क्षेत्र के फसलें तबाह हुई थी. 2022 में गाज  गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी. बाढ़ में बहने से 19 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं छोटे 58 और बड़े 115 जानवर बह गए थे. इसी तरह 5 लाख 23307.15 हेक्टर क्षेत्र के फसलें तबाह हुई थी. कुल गाज गिरने से 59, बाढ़ में बहने से 60 लोगों की मौत हुई. वहीं  201 छोटे जानवर  व 291 बड़े जानवर की मौत हो गई. पिछले 5 वर्षों में 16 लाख 75254 हेक्टर क्षेत्र की  फसल तबाह हुई है.

साल 2022-23 में प्राकृतिक आपदा निधि वितरण का आंकडा

साल 2022-23 में सरकार की ओर से प्राकृतिक आपदा निधि का वितरण किया गया है. अतिवृष्टी से 4962230.6 हेक्टेयर आर क्षेत्र प्रभावित हुआ था. इनमें 4 लाख 87 हजार 486 किसानों के लिए 64300.81 लाख का निधि उपलब्ध कराया गया था. जिनमें से 60217.90 लाख का निधि वितरित किया जा चुका है. जिसका 93.65 प्रतिशत है. साल 2022 में लगातार बारिश से 36711.33 हेक्टेयर आर क्षेत्र बाधित हुआ था. इनमें 69527 किसानों के लिए 5113.31 लाख का निधि उपलब्ध कराया गया था. जिसमें से 449914.14 लाख का निधि वितरित किया जा चुका है. जिसका प्रतिशत 87.99 है.