Dengue
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    यवतमाल.  इस साल डेंगू शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में फैल गया है. जिले में अब तक डेंगू के 399 मरीज मिल चुके हैं. विशेष रूप से प्लेटलेट्स में कमी के कारण दो की मौतों की सूचना मिली है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि उनकी डेंगू की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है. अब जिलाधिकारी ने स्वयं नगर निगम व जिला स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से गांधी जयंती दिवस तक सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं.

    मानसून के मौसम में प्रकोप तेज हो जाता है. हालांकि, इस साल महामारी ने कहर बरपा रखा है. जो लोग पिछले डेढ़ साल से घर में कोरोना संक्रमण से फंसे हुए हैं, वे अब डेंगू की चपेट में आ गए हैं. इसे नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई उपाय किए गए हैं. बावजूद इसके मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. पिछले साल डेंगू के सिर्फ 63 मरीज मिले थे. इस साल इसमें काफी इजाफा हुआ है. पिछले आठ महीनों में कोरोना के बाद डेंगू के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है.

    जिले में अब तक डेंगू के 399 मरीज हो चुके हैं. करीब 356 मरीज यवतमाल जिले के हैं और 43 मरीज दूसरे जिलों के हैं. प्लेटलेट्स कम होने से दो लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि दोनों की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई थी. इसलिए स्वास्थ्य विभाग को संदेह है कि उसकी मौत डेंगू सदृश्य बीमारी से हुई है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए, शुक्रवार 24 सितंबर को जिलाधिकारी अमोल येडगे खुद सफाई अभियान में शामिल हुए. शहर के जय-विजय चौक, संभाजी नगर क्षेत्र से स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गई.

    इस मौके पर जिलाधिकारी ने स्थानीय नागरिकों से बातचीत की. इस अवसर पर नगराध्यक्षा कांचन चौधरी, मुख्य अधिकारी माधुरी मडावी के साथ ही स्वास्थ्य सभापति साधना काले, पार्षद सुजीत राय, संगीता राउत, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विजय अकोलकर भी मौजूद थे. इस मौके पर नगर परिषद के डॉ. विजय अग्रवाल, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी क्रांतिकुमार मावडीकर, डॉ. तनवीर शेख, प्रशांत पाटिल, टी. वी. कुलकर्णी, धीरज पिसे, रवि रामेकर, सुनील वंजारी, मुन्ना शुक्ला, मोहन दहेकर, संतोष गजभिये और नागरिक उपस्थित थे.

    मच्छरों की उत्पतीवाले स्थलों को नष्ट करें

    जिले में डेंगू को फैलने से रोकने और इसे नियंत्रण में रखने के लिए जिला परिषद, नगर परिषद सभी नागरिकों की भागीदारी के साथ 2 अक्टूबर तक पूरे जिले में सफाई अभियान चलाये. डेंगू और मलेरिया के मूल स्थानों को मिटाने के उपाय किए जाने चाहिए. एक दिन शुष्क दिवस का पालन कर घर में रखे भंगार सामग्री का बंदोबस्त करें, ऐसे स्थान जहां पानी जमा न रहें, ऐसे स्थानों को नष्ट करें.

    अमोल येडगे, जिलाधिकारी

    शुष्क दिन का पालन किया जाए

    मच्छरों के पनपने के जगहों को नष्ट करना, शौचालय के वेंट पाइपों पर जाली लगाना, रुके हुए पानी में गप्पी मछली को छोडना, सीवेज का निर्वहन, पुराने टायरों, प्लास्टिक आदि में पानी का भंडारण न करना, क्षेत्र में गंदगी का जमा न होना, धोने और सुखाने के बाद क्षेत्र में कम से कम दो घंटे के लिए सूरज, शुष्क दिन मनाया जाना चाहिए. 

    डॉ. विजय अकोलकर, मलेरिया अधिकारी.

    जिला जिलाधिकारी ने खुद नागरिकों के घरों पर फेंका टेमीफास्ट

    जिला जिलाधिकारी अमोल येगे और नगराध्यक्षा चौधरी ने जयविजय चौक, संभाजी नगर के नागरिकों के घरों का दौरा किया. इस दौरान टंकी में जमा पानी के बर्तन खाली हो गए. कूड़ा करकट, नालियों की सफाई. ठहरे हुए पानी पर टैमीफोस डालकर कीटाणुरहित किया. नागरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिलाधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियमित रूप से स्वच्छता अभियान का भ्रमण करेंगे.