जिले के निर्माणकार्य मजदुरों को छोडकर वर्धा के मजदुरों को बांटी सुरक्षा कीट और निर्माणकार्य पेटीयां

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    • जनवादी निर्माण मजदुर संगठना का ग्रामविकास मंत्री तथा कामगार मंत्री को ज्ञापन

    बाभुलगांव. यवतमाल जिले में बिते 7 माह से निर्माणकार्य मजदुरों कों सुरक्षा कीट और वर्कींग कीट का वितरण यवतमाल स्थित दारव्हा रोड के एमआयडीसी में कैम्प के जरीए किया जा रहा है.लेकिन पंजीकृत मजदुरों कों यहां पर 3 से 4 बार चक्करें काटने पर विवश किया जा रहा है,इसके अलावा स्वास्थ्य, रक्त जांच करने पर भी बेवजह कीट पेटी देने में टालमटौल की जा रही है, जिससे अनेक चकरें काटकर आर्थिक नुकसान मजदुरों कों झेलना पड रहा है.

    निर्माणकार्य मजदूरों कों हो रही इस तकलीफ के खिलाफ जनवादी निर्माणकार्य मजदुर संगठन ने 17 मई को तहसीलदार के जरीए राज्य के ग्रामविकस मंत्री और श्रमिक मंत्री को ज्ञापन भेजा गया है.शिकायत में कहा गया है की सुरक्षा कीट और जरुरी सामान की पेटी बांटनेवाले ठेकेदार और उसके सहयोगी कर्मचारी श्रमिकों को केवल 31 मार्च तक पंजीकृत श्रमिकों को सामान देने की बात कर रहे है, लेकिन 1 अप्रैल के बाद जीन्होने पंजीकरण किया, उन्हे सुरक्षा पेटी नही दी जा सकती है.एैसा मंडल ने जीआर पारीत करने की जानकारी देकर मजदूरों को इस सरकारी योजना से वंचित कर उनका शोषण किया जा रहा है.

    इस बारे में पुछने पर मजदुरों से असभ्य बर्ताव कर उन्हे खाली हाथ लौटाया जा रहा है, इसी बीच कुछ मजदुरों ने जानकारी लेने पर कुछ मजदूर जिन्होनें 20,21,और 22 अप्रैल को पंजीयन किया, उन्हे पेटी दी गयी, लेकिन अनेक को अप्रैल में पंजीकरण करने के नाम पर पेटी ना देकर आर्थिक हितसंबंध देखकर ठेकेदार और कर्मचारी मनमाने तौर पर इसे बांट रहे है, इस बारे में सभी सुबुत मजदुर संगठन के पास होने से उन्होने इस मु्दे पर सरकारी कामगार अधिकारी यवतमाल और ठेकेदार से मिलकर चर्चा की तब उन्होने टालमटौल जवाब देकर अनियमितता पर मजदूरों के आरोप झुठे है, एैसी बात कर योजना की सुविधा देने में टालमटौल की जा रही है,एैसा आरोप मजदुर संगठन ने मंत्री को भेजे ज्ञापन में लगाया है.

    शिकायत में यह भी जानकारी दी गयी की कलंब में 11 दिसंबर 2021 को सुरक्षा कीट और पेटी बांटने 3 दिवसीय कैम्प लिया गया, लेकिन इसमें जिले के श्रमिकों को छोडकर वर्धा जिले के श्रमिकों को कीट और पेटीयां बांटी गयी, जबकी जिला मुख्यालय छोडकर अन्य ठिकाने पर मजदुरों को पेटीयां और कीट नही दी जा सकती है, एैसी बात सरकारी कामगार अधिकारी ने कही, एैसे में जिला मुख्यालय छोडकर तहसील के ठिकाने पर पेटीयां और कीट क्यों बांटी गयी, यह सवाल निर्माण हो चुका है.

    इस बारे में जानकारी लेने पर पता चला की यवतमाल जिले के श्रमिकों से 500 से 600 रुपए जबकी अनेक लोगों सें 1 हजार वसुली न होने पर वर्धा के श्रमिकों से ईतनी राशि लेकर उन्हे सुरक्षा कीट और अत्यावश्यक निर्माणकार्य पेटी बांटे गए, जिसके पुख्ता सुबुत के तौर पर विडीओ शुटींग मजदु संगठन के पास उपलब्ध है, एैसी जानकारी ज्ञापन में दी गयी है.जिले में श्रमिकों के लिए काम करनेवाले संगठन को माटे सभागृह कलंब में कैम्प शुरु होने की जानकारी नही दी गयी, लेकिन वर्धा के एजंट को इस बारे में जानकारी थी, यह गंभीर मामला भी सामने आया है, यवतमाल की संगठन को जानकारी न देकर अधिकारी, कर्मचारी, एजंट और ठेकेदार मनमानी तौर पर काम कर रहे है, यह बात इस मामलें से उजागर हुई है.

    इस बारे में जब संगठन के अध्यक्ष ने पेटी वितरण पर ठेदार, कामगार विभाग के निरीक्षण अधिकारी जतकर से फोन पर पुछताछ की तब उन्होने बताया की माटे सभागृह में कोई कैम्प नही लिया गया, इस बारे में सुबुत दें, यह केवल अफवाह है, जबकी ठेकेदार ने भी इस कैम्प से इंकार किया, जबकी संगठन के अध्यक्ष,पदाधिकारी, कार्यकर्ता और श्रमिकों ने माटे सभागृह कलंब परिसर में जाकर जांच पडताल की तब लोगों ने बताया की यहां पर 3 दिनों तक पेटी वितरण कैम्प शुरु था.एैसे में संगठन ने आरोप लगाया की स्थानिय मजदुरां से सरकारी कामगार विभाग के अधिकारी, कर्मचारीयों और एजंट को आर्थिक लाभ न मिलने से आर्थिक लाभ लेने सरकारी अधिकारी, ठेकेदार एजंट और बाहरी लोगों मिलीभगत कर श्रमिकों को इस योजना से वंचित किया है.

    मंडल की विभीन्न कल्याणकारी योजनाओं पर अमल के दौरान इस तरह लचर कामकाज का यह गंभीर मामला होने से निर्माणकार्य मजदुर संगठन ने इस मामलें की जांच की मांग की है.इसके लिए 17 मई को बाभुलगांव के तहसीलदार वी.एस.कुमरे के मार्फत राज्य के ईमारत और अन्य निर्माणकार्य मंत्री हसन मुश्रीफ,श्रमिक कल्याणकारी मंडल मुंबई तथा ग्रामविकस मंत्री और श्रमिक मंत्री महाराष्ट्र राज्य मुंबई कों ज्ञापन भेजा, जिसमें इस मामलें में विस्तृत जांच कर सरकारी कामगार अधिकारी विभाग तथा bovw विभाग के कर्मचारी उन्हे साथ देनेवाले एजेंट और पेटीयां बांटनवेाले ठेकेदार पर कारवाई करें, और गरीब, जरुरतमंद मजदुरों कों न्याय दें, एैसी मांग की गयी.

    ज्ञापन सौंपते समय जनवादी बांधकाम कामगार मजदुर संगठन यवतमाल के अध्यक्ष रत्नपाल डोफे,उपाध्यक्ष वंदना म्हैसकर,सहसचिवसम्यक म्हैसकर,कोषाध्यक्ष सुजाता रत्नपाल डोफे,सदस्य संजय शेलके,महादेव पवार,,सचिन वरठी. राहुल मोडक. शुभम जांभूलकर. हरिदास निमसडे. बालु मसराम. सौरभ झाटे. विष्णु राऊत. प्रभाकर सोनुर्ले . गजानन काकडबरी.मंगेश रोकडे. जगदिश शिरभाते. सागर काळे. मयूर भोयर. देवानंद जांभूरे. विक्रम लाकडे मनोज.सव्वालाखे संतोष कांबले.गोपाल माहुरकर रुपेश मडावी. माधवराव नेरकर,श्याम गायकवाड,महादेव राऊत आदी उपस्थित थे.