सरकारी योजनाओं पर निर्भर न रहे: पाटिल

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    • गुरुदेव अर्बन निधि लिमिटेड ने किया  सरपंच – सदस्यों का सत्कार 

    वणी. पाटोदा के पूर्व सरपंच भास्कर पेरे पाटिल ने कहा कि अगर आप अपने गांव का विकास करना चाहते हैं तो सरकारी योजनाओं पर निर्भर न रहे. गांव वालों को शुध्द पानी, बिजली, सड़क, घरेलू इस्तेमाल के लिए पानी के साथ ही किसानों के लिए कामों का नियोजन करें. जनसहयोग से धन जुटाकर गांव का विकास करना चाहिए. गुरुदेव अर्बन निधि लिमिटेड द्वारा  शेतकरी मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सरपंच, उप सरपंच और सदस्यों का सत्कार किया गया. इस अवसर पर वे उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे. 

    समारोह की अध्यक्षता सांसद बालू धनोरकर ने की. इस अवसर पर विधायक प्रतिभा धनोरकर, विधायक  वजाहत मिर्जा, पूर्व विधायक वामनराव कासावार, एड. देवीदास काले, महाराष्ट्र के इंटक अध्यक्ष विनोद पटोले, चंद्रपुर के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सतीश वारजुरकर, जिला बैंक के अध्यक्ष टीकाराम कोंगरे, नरेंद्र ठाकरे, अरुणा खंडालकर, इजहार शेख, प्रमोद निकुरे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. प्रस्ताविक प्रमोद वासेकर ने किया.

    जनसहयोग से करे गांव का विकास

    कार्यक्रम में पाटोदा गांव के पूर्व सरपंच भास्कर पेरे पाटिल ने उपस्थितों का मार्गदर्शन करते हुए अपने गांव की प्रगति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गांव के लोगों से जनभागीदारी निधि के रूप में  5,000 रुपये प्रति वर्ष लेकर उसके बदले में उन्हें  पानी, आरओ पानी 20 लीटर प्रति परिवार, गर्म पानी, आटा पिसाने की सुविधा, महिलाओं के लिए वाई-फाई सेवा, तेल घानी, वाहनों में हवा भरने के मशीन, घर-घर जाकर कचरा संग्रहण करने, प्लास्टिक खरीदने, बुजुर्गों के लिए मसाज मशीन, किसानों को बहुत कम दरों पर ट्रैक्टर उपलब्ध कराना, गांव में घर-घर फलों के पेड़ बांटना, बुजुर्गों की मदद करना आदि सुविधा प्रदान करना आसानी से संभव है. नतीजतन, सरकारी धन की कोई आवश्यकता नहीं है.

    घर मे लगाएं फलदार पेड़

    उन्होंने कहा कि गांव में जो फलों के पेड़ लगाए गए हैं, इससे आमदनी भी होती है. इन कार्यों से जमा की गई धनराशि की भी बचत होती है. गांव में पर्यावरण को स्वस्थ रखने के लिए घर घर में फलों के पेड़ लगाने चाहिए. वटसावित्री के दिन वटवृक्ष की पूजा करने वाली महिलाओं को एक बरगद का पौधा लगाने के लिए देना चाहिए. यदि इस तरह के उपक्रमों को लागू किया जाता है, तो यह निश्चित रूप से गांव का विकास होगा. 

    गांव को समृद्ध बनाएं सरपंच

    सरपंच का पद बहुत बड़ा है. उसका उपयोग करने के लिए दृढ़ता की आवश्यकता होती है. उन्होंने लोगों से आगामी ग्राम सभा में जनभागीदारी से अपने गांव को समृद्ध बनाने का संकल्प लेने की भी अपील की. कार्यक्रम का संचालन गायत्री ने किया और आभार आशीष मोहितकर ने किया.

    कोरोनाकाल में मृतक पदाधिकारियों के परिवारों का सम्मान

    कोरोना महामारी के दौरान गांव के लोगों की मदद करते हुए कई पदाधिकारियों की कोरोना संक्रमण से  मृत्यु हुई. कार्यक्रम में मृतक पदाधिकारियों के परिवारों का सम्मान किया गया. चिखलगांव की रहने वाली सविता अमोल रांगणकर, कोरंबी की वंदना विकास भोंगले, बोरगांव की ज्योत्स्ना भारत गेडाम और बोरडा की मंदा मडावी को अतिथियों के हाथों साड़ी ,चोली से सम्मानित किया गया.